बिहार में मंगलवार से आरजेडी कार्यालय में जनता दरबार शुरू हुआ है. पार्टी ने इसे सुनवाई नाम दिया है. सुनवाई तेजस्वी यादव के नारे पढ़ाई, कमाई, दवाई सुनवाई का एक हिस्सा है. जनता दरबार राज्य सरकार में दो मंत्री मसलन भूमि एवं राजस्व सुधार मंत्री आलोक मेहता और विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के मंत्री इसराइल मंसूरी पहुंचे थे.अब जनता दरबार में पहुंचे फरियादियों की समस्याओं पर कितनी सुनवाई हुई यह तो पता नहीं चल पाया लेकिन पहले ही यहां पहुंचे फरियादियों ने हंगामा कर दिया.
यहां पहुंचे फरियादियों का कहना था कि यहां सिर्फ पैरवी वालों की सुनी जा रही है, वे घंटों लाइन में खड़े हैं.लेकिन पैरवी वालों का रजिस्ट्रेशन बिना लाइन लगे ही किया जा रहा. लोगों ने आरजेडी नेताओं पर मनमानी करने का आरोप लगाया और नाराज लोगों ने जनता दरबार में धांधली का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा मचाया.
तेजस्वी यादव के निर्देश पर सुनवाई कार्यक्रम
दरअसल मंगलवार से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के निर्देश पर सुनवाई कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. इसके तहत हर मंगलवार को आरजेडी कोटे के दो मंत्री अपने विभाग से जुड़ी शिकायतों को सुनेंगे. आरजेडी से पहले बिहार में सोमवार से शुक्रवार तक जेडीयू कोटे के तीन मंत्री कार्यकर्ताओं के साथ साथ आम लोगों की समस्या को सुनते हैं. ये अलग बात है कि कभी-कभी ही जेडीयू कोटे के तीन मंत्री कार्यालय में एक साथ बैठतें है. वहीं बीजेपी की तरफ से भी जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.
जेडीयू कार्यालय में भी हुआ था बवाल
आरजेडी से पहले जेडीयू के जनता दरबार में भी हंगामे के मामले सामने आते रहे हैं. पिछले महीने जेडीयू कार्यालय में एक कार्यकर्ता ने जनसुनवाई के दौरान मंत्री मदन सहनी को हड़का दिया.काम नहीं होने से नाराज जेडीयू कार्यकर्ता ने कहा-काम नहीं होता है, तो मंत्री पद छोड़ दीजिए. कार्यकर्ता ने कहा-कार्यकर्ता ने मंत्री से कहा, ‘हम लोगों की वजह से आप लोग हैं, अगर हम वोट नहीं देंगे, तो आप कुर्सी पर नहीं बैठ पाएंगे.’ इस पर मंत्री मदन सहनी का पारा भी चढ़ गया और कहने लगे, जाईए काम नहीं करेंगे, हटा दीजिए.