नगर निगम की लापरवाही और परिवहन विभाग की अनदेखी शहर की सड़कों पर बड़ा खतरा बनती जा रही है। नियमों को ताक पर रखकर निगम द्वारा सफाई कार्य में लगाए गए अधिकांश वाहन बिना रजिस्ट्रेशन और बीमा के धड़ल्ले से सड़कों पर दौड़ रहे हैं। ये वाहन विगत चार वर्षों से इसी स्थिति में परिचालन कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। नगर निगम के पास सफाई व्यवस्था के लिए कुल 24 वाहन हैं, जिनमें 12 ट्रैक्टर जो कि आउट सोर्सिंग एजेंसी की चलती है और 10 टीपर निगम के खुद के हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन वाहनों में से एक का भी न तो रजिस्ट्रेशन हुआ है और न ही बीमा कराया गया है। किसी
पर नंबर प्लेट भी नहीं लगी है, जिससे इनकी पहचान मुश्किल होती है। इससे न केवल मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन हो रहा है, बल्कि जनता की सुरक्षा भी दांव पर लगी है। –
सीतामढ़ी शहरवासियों का कहना है कि एक तरफ नगर – निगम टैक्स वसूली के लिए सख्ती दिखा रहा है, वहीं खुद नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। निगम -टैक्स चोरी का उदाहरण बन चुका है। यदि कोई वाहन दुर्घटना करता है तो न वाहन की पहचान होगी, न ही बीमा कंपनी से कोई क्षतिपूर्ति मिल – सकेगी। इस मुद्दे पर नगर निगम और परिवहन विभाग की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। मोटर वाहन अधिनियम के तहत बिना रजिस्ट्रेशन और बीमा के वाहन चलाना अपराध की श्रेणी में आता है। बावजूद इसके न कोई निरीक्षण होता है, न चालान।
आयुक्त से ली जाएगी जानकारी: डीएसपी मामला संज्ञान में आया है, इस संबंध में नगर आयुक्त से उक्त मामले की जानकारी ली जायेगी। एसेंशियल ड्यूटी में उपयोग होने के कारण डायरेक्टली गाड़ियों को टच नहीं किया जाता है, क्योंकि शहर के साफ सफाई का मामला प्रभावित न है। हालाकि नियम सभी के लिए एक समान है। – दीपक कुमार, यातायात डीएसपी, सीतामढ़ी
सभी गाड़ियों पर नंबर प्लेट है: आयुक्त निगम के सभी गाड़ियों पर नंबर प्लेट है। साथ ही परिवहन विभाग के अनुरूप सभी का रजिस्ट्रेशन और बीमा उपलब्ध है। सफाई कि गाड़िया आउट सोर्सिंग कंपनी कि है, बिना पेपर अपडेट के निगम कैसे आउट सोर्सिंग कि गाड़ियों को लेगा, सभी गाड़ियों का निबंधन है। – कुलदीप सिन्हा, प्रभारी आयुक्त, नगर निगम
