बिहार की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से बेहद दिलचस्प घटनाक्रम देखने को मिल रहा है. दरअसल हाल के कुछ दिनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हटाकर RJD के विधायक अपने नेता यानी उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने का दबाव बना रहे थे. इसी बीच तेजस्वी यादव ने खुद आगे आकर ऐलान कर दिया है कि उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनना है.
विधानसभा के अंदर जब तेजस्वी इस बात का ऐलान कर रहे होते हैं कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते हैं, तो उनके बगल में बैठे नीतीश कुमार मन ही मन बेहद प्रसन्न नजर आते हैं और उनके चेहरे पर कोई तनाव भी नजर नहीं आता है. सवाल उठता है कि आखिर नीतीश कुमार प्रसन्न हो भी तो क्यों ना ?
इस साल के शुरुआत में जिस तरीके से आरजेडी के नेताओं ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए दबाव बनाना शुरू किया था, उसके कारण नीतीश कुमार बेहद असहज नजर आ रहे थे. महागठबंधन सरकार बनने के बाद जो नीतीश कुमार सार्वजनिक कार्यक्रमों में तेजस्वी यादव को आशीर्वाद देते या फिर गले लगाते नजर आते थे और उन्हें बिहार का भविष्य बताते थे, वही नीतीश कुमार कुछ दिनों से तेजस्वी यादव से कई मुद्दों पर अलग राय रखते भी दिखे. जैसे कि गलवान जवान शहीद के पिता को जेल में डालने का मुद्दा हो या फिर तमिलनाडु में कथित तौर पर बिहारी मजदूरों की पिटाई का मामला.