सूबे के इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेजों के शिक्षक अपने संस्थान के आसपास के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराएंगे। इंजीनियरिंग कॉलेजों के शिक्षक 11वीं-12वीं से लेकर आईआईटी जेईई मेंस एडवांस समेत अन्य कंपटीशन की पढ़ाई कराएंगे तो पॉलीटेक्निक के शिक्षक 9वीं-10वीं के स्टूडेंट्स को अपना मार्गदर्शन देंगे। तकनीकी संस्थान के कैंपस के आसपास के
हाईस्कूल-प्लस टू के बच्चे इससे लाभान्वित होंगे।
ये कक्षाएं पूरी तरह निःशुल्क चलाई जाएंगी। विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव लोकेश
कुमार सिंह ने सभी कॉलेजों के प्राचार्यों को निर्देश दिया है कि संस्थान में पदस्थापित शिक्षक स्टूडेंट्स को अध्ययन और कंपटीशन की तैयारी के टिप्स देंगे। राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय में हर दिन सुबह 9-10 बजे के पहले या शाम में 4 बजे के बाद सुविधा के अनुसार एक घंटे का समय निर्धारित किया जाएगा। इसमें बच्चों को गणित, विज्ञान, रसायन, भौतिकी व अंग्रेजी विषयों में मार्गदर्शन से लेकर सुधार के लिए फ्री कक्षाएं चलेंगी।
विभाग ने कहा है कि तकनीकी संस्थानों में शिक्षकों का रोस्टर तैयार किया जाए। साथ ही आसपास के विद्यालयों में इसकी सूचना दी जाए ताकि अधिक बच्चों तक इसका लाभ पहुंच सके। जानिए… वैशाली इंजीनियरिंग की पहल ऐसे बनी राज्य भर के लिए मॉडल वैशाली इंजीनियरिंग कॉलेज की ओर से आसपास के 3 4 विद्यालयों के स्टूडेंट्स को कक्षा अवधि समाप्त होने के बाद एक घंटा बुला कर गणित, विज्ञान से लेकर अन्य विषयों की शिक्षा प्रदान की जाती है। इसे पहल नाम दिया गया था। ऐसे करने से बच्चों में गणित व विज्ञान विषय के प्रति आकर्षण और जानकारी बढ़ी। पिछले
दिनों वैशाली इंजीनियरिंग कॉलेज में स्पोर्ट्स मीट तरंग
का आयोजन किया गया था। इसमें विभाग के सचिव
भी बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। उन्हें बताया गया कि यहां शिक्षक कॉलेज के आसपास के बच्चों को पढ़ाते हैं। इसे कार्यक्रम को पहल नाम दिया गया है। इसी को आधार बनाकर विभाग ने सभी अभियंत्रण और राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों के लिए इसे अनिवार्य बना दिया है।