साल 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव के कुछ मनहींने बाकी है. पश्चिम चंपारण में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. महागठबंधन का वोट अधिकार यात्रा जिला में काफी सफल रहा. पश्चिम चंपारण के चनपटिया सीट पर राजद एमएलसी सौरभ कुमार ने अपनी पत्नी रश्मि रानी सिंह की दावेदारी ठोंक दी है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रश्मि रानी सिंह को खुद राजद की सदस्यता दिलाई है. राजद ने रश्मि रानी सिंह को पार्टी का सदस्य बना चनपटिया सीट पर एक तरह से अपनी दावेदारी कर दी. राजद रश्मि रानी सिंह के जरिए चंपारण में राजद के लालटेन की लौ जलाना चाहती है.
दरअसल, पश्चिम चंपारण में पिछले 25 सालों में राजद को कोई सफलता नहीं मिल नहीं है. पश्चिम चंपारण से राजद के सौरभ कुमार ने 2022 स्थानीय प्राधिकार एमएलसी का चुनाव जीतकर जिला में राजद को संजीवनी प्रदान की है. पश्चिम चंपारण एनडीए का गढ़ है और उस गढ़ में 25 साल के बाद राजद का कोई एमएलसी बना एमएलसी सौरभ कुमार ने एनडीए की गढ़ में 25 साल बाद राजद का परचम लहराया.
एमएलसी सौरभ कुमार अपनी पत्नी को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से राजद की सदस्यता दिला चनपटिया सीट को हॉट सीट बना दिया है. रश्मि रानी सिंह उच्च शिक्षा हासिल की है. एयर होस्टेस की पढ़ाई भी की है. एक पढ़ी लिखी उच्च शिक्षा की डिग्री प्राप्त महिला राजद के लिए किसी संजीवनी से कम नहींं है.
बता दें कि चनपटिया विधानसभा सीट पर साल 2000 के बाद से अभी तक महागठबंधन नहीं जीत पाई है इस सीट पर भूमिहार ब्राह्मण (स्वर्ण) जाती का पिछले 25 से लगातार भाजपा का कब्जा रहा है अब एमएलसी सौरभ कुमार जो खुद भूमिहार जाती से है अपनी पत्नी को विधानसभा का प्रत्यासी बता सीट को हॉट सीट बना दिया है रश्मि रानी सिंह एक युवा शिक्षित और आधुनिक सोच वाली महिला है जो राजद के लिए फिट बैठती है
महागठबंधन का वोट अधिकार यात्रा में एमएलसी सौरभ कुमार ने पूरी ताकत झोंक दिए थे पहली बार बेतिया की सड़क पर राजद की झंडा हजारों में देखने को मिला. महागठबंधन की वोट अधिकार यात्रा पश्चिम चंपारण में काफी सफल रहा था. एमएलसी सौरभ कुमार ने पश्चिम चंपारण में जिस तरह से राजनीतिक रूप से बंजर हुई जमीन पर राजद का परचम लहराया था. वैसे नहीं अपनी पत्नी रश्मि रानी सिंह को विधानसभा जीता चंपारण से राजद की लालटेन जलाना चाहते हैं.
हालांकि, यहां के वर्तमान बीजेपी विधायक उमाकांत सिंह पिछले बार कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक रंजन को चुनाव में करारी शिकस्त दिए थे, लेकिन अबकी बार अगर रश्मि रानी सिंह को टिकट मिलता है तो विधायक उमाकांत सिंह का राजनीतिक समीकरण बिगड़ सकता है, क्योंकि जिस जाती (भूमिहार) समाज से विधायक उमाकांत सिंह है उसी जाति से एमएलसी की पत्नी रश्मि रानी सिंह भी है. ऐसे में बीजेपी के जातीय समीकरण में राजद सेंध लगा सकती है.
चनपटिया विधानसभा
चनपटिया विधानसभा में मतदाताओं की कुल संख्या- 295865
पुरुष मतदाता- 156568
महिला मतदाता- 139289
थर्ड जेंडर- 8
जाति समीकरण
चनपटिया विधानसभा में स्वर्ण वैश्य का दबदबा है, दलित मुसलमान की अच्छी आबादी है. यादव की भी संख्या अच्छी है. वहीं, 2020 में बीजेपी के उमाकांत सिंह ने कांग्रेस के अभिषेक रंजन को 13469 वोटों से हराया था. साल 2015 में बीजेपी के प्रकाश राय ने जदयू उम्मीद्वार को लगभग 500 वोटों से हराया था. साल 2010 में बीजेपी के चंद्र मोहन राय ने बसपा के एजाज हुसैन को लगभग 23000 वोटों से हराया था.
चनपटिया विधानसभा पर अबकी बार बीजेपी और जदयू में भी पेंच फंसा है. दोनों पार्टियों स्थित पर दावेदारी कर रहे हैं महागठबंधन के तरफ से कांग्रेस इस सीट पर दावेदारी कर नहीं है. साल 2020 में बीजेपी के उमाकांत सिंह को 83828 वोट मिले थे तो वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक रंजन को 70359 वोट मिले थे.
