सीतामढ़ी। आयकर विभाग की केंद्रीय टीम ने सोमवार को जिला निबंधन कार्यालय पहुंचकर निबंधन से जुड़े कागजातों का सर्वे किया। इस दौरान पूरे दिन निबंधन कार्यालय के बाहर अफरा-तफरी का माहौल रहा है। अचानक पटना व मुजफ्फरपुर के आयकर विभाग की टीम के जिला निबंधन कार्यालय में पहुंचने के बाद से चर्चा का बाजार गर्म हो गया। लोगों के कयासों के दौरा जारी हो गए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आयकर विभाग की केन्द्रीय टीम जिला निबंधन कार्यालय में तीन से पांच सालों में 10 लाख रुपए से अधिक की जमीन खरीद बिक्री के दस्तावेजों को खंगाला। खासकर आयकर विभाग के अधिकारियों की नजर ऐसे दस्तावेज को तलाश रही थी, इसपर खरीदार या विक्रेता का पैन नंबर नहीं दिया गया है।
या फिर फॉर्म 60 का विवरण अधूरा है। अधिकारियों ने बताया कि इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य बिना पैन नंबर वाली बड़ी संपत्ति खरीद फरोख्त की जांच करना और बड़े खरीदारों की कुंडली तैयार करना है। जिला निबंधन कार्यालय में दोपहर में पहुंची आयकर अधिकारियों की टीम ने शाम छह बजे तक सभी दस्तावेजों की जांच की। वैसे इस बीच जमीन की रजिस्ट्री में कोई व्यवधान नहीं हुई। जिला अवर निबंधक पंकज कुमार बसाक ने बताया कि आयकर विभाग की टीम स्टेटमेंट फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन (एसएफटी) के तहत सर्वे कर रही है। इसमें दस लाख से अधिक की जमीन की खरीद से संबंधित दस्तावेज की जांच की। इससे संबंधित डाटा की मांग की गई। निबंधन विभाग ने अधिकारियों को डाटा उपलब्ध करा दिया है। उन्होंने बताया कि यह रूटीन सर्वे हैं, जो सभी जिला में की जा रही है। सर्वे के आधार पर पॉलिसी बनाई जा रही है कि टैक्स पेयर को कैसे बढ़ाया जाए। उन्होंने बताया कि सर्वे टीम की रिपोर्ट वरीय अधिकारी को भेजी जाएगी। आयकर टीम में मुजफ्फरपुर के आईटीओ बुधन राम सहित दस अधिकारी शामिल थे।
