यूं तो देशभक्ति कोई साबित करने की चीज नहीं होती, मगर भावनाओं को व्यक्त करने के तमाम तरीके हो सकते हैं. सहारनपुर के एक छोटे से गांव के ग्राम प्रधान और लोगों ने मिलकर अपनी देशभक्ति का जज्बा दिखाने के लिए ऐसा काम कर डाला कि अब उनके गांव में लोग दूर-दूर से घूमने के लिए आएंगे. सहारनपुर के चकवाली गांव में भारत के नक्शे के आकार का एक तालाब तैयार किया गया है.
देश की लंबाई-चौड़ाई के मुताबिक तय किया तालाब का साइज दिल्ली से लगभग 140 किमी दूर सहारनपुर का ये एक छोटा सा गांव चकवाली है. इस गांव की प्रधान श्रीमती सविता देवी हैं. गांव में भारत के नक्शे पर इस तालाब को बनाने की सोच ग्राम प्रधान के बेटे नकुल चौधरी की है. नकुल बताते हैं कि गांव में हम हर काम में ये कोशिश करते हैं कि उसमें देशभक्ति की भावना दिखाई पड़े, इसीलिए हमने इस तालाब को भी भारत के नक्शे के आकार का बनवाने की योजना बनाई.
नकुल बताते हैं कि इस तालाब की लंबाई-चौड़ाई भी नक्शे के अनुसार देश की लंबाई-चौड़ाई के मुताबिक बनाई गई है. उत्तर से दक्षिण तक देश की अधिकतम लंबाई 3,214 किमी और पूर्व से पश्चिम तक अधिकतम चौड़ाई 2,933 किमी है. इसी के आधार पर तालाब की लंबाई 32 मीटर और चौड़ाई 29 मीटर रखी गई है.
फ्री में इंजीनियर ने किया काम नकुल बताते हैं कि जैसे ही मैंने लोगों के सामने इस तरह का तालाब बनाने का प्रस्ताव रखा, सब उत्साहित हो गए. हालांकि इस जगह पर इस तरह का तालाब बनाना बहुत आसान काम नहीं था. ये जमीन पूरी तरह से बंजर थी, इस पर झाड़ियां लगी हुई थीं और इस जगह का इस्तेमाल अक्सर गलत तरीके के लोग नशे के लिए करते थे. हमारे सामने दो मकसद थे, पहला इस जगह को गलत चीजों से मुक्त कराना और दूसरा इस जगह को इतना सुंदर बना देना कि पूरे गांव का नाम इस जगह की पहचान से हो.
इस तालाब को बनाने के लिए गांव के ही इंजीनियर वसीम अहमद ने कोई फीस नहीं ली. वो बताते हैं कि सबसे पहले हमने इस जगह से झाड़ियां हटवाईं, फिर यहां पर मिट्टी को समतल किया. उसके बाद पहले चूने से मिट्टी पर आकार बनाया और फिर मजदूरों के जरिए बहुत बारीकी से खुदाई करवाई. इस तालाब को तैयार करने में 1 महीने का वक्त लगा है.
भूतों वाली जगह बोलते थे लोग, अब गांव वाले भी खुश मोहम्मद असलम नाम के एक ग्रामीण बताते हैं, ‘ये जमीन इतनी खराब थी कि लोग पहले इस जगह को भूतों वाली जगह बोलते थे. सूरज ढलने के बाद लोग इस रास्ते से निकलने में डरते थे. लेकिन अब जिस तरह से यहां तालाब तैयार किया गया है, यह हम सब के लिए एक गर्व की बात है. अभी यह तालाब बनकर बस तैयार ही हुआ है हमें पहली बारिश का इंतजार है. उम्मीद है कि बारिश के बाद ये सिर्फ गांव का ही नहीं, बल्कि पूरे शहर का सेल्फी प्वाइंट बन जाएगा.