बिहार के लोकप्रिय पकवानों में बालूशाही , तिलकुट और खुरमा को जीआई टैग देने की मांग वाले आवेदनों को सक्षम प्राधिकारियों ने प्रारंभिक जांच के बाद स्वीकार कर लिया है। शनिवार को इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने दी।
सीतामढ़ी के रुन्नी सैदपुर गांव की मिठाई बालूशाही भी देशभर में काफी पसंद की जाती है। सुनील कुमार ने बताया कि बिहार के इन प्रसिद्ध पकवानों और उत्पादों के लिए जीआई टैग की मांग संबंधी आवेदन दाखिल करने में राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने उत्पादक संघों की सहायता की।
अधिक कमाई करने में मिलेगी मदद
उन्होंने कहा कि हमने इस उद्देश्य में विशेषज्ञों को भी शामिल किया। बैंक जीआई पंजीकरण की प्रक्रिया के अलावा बाजार में इन उत्पादों की ब्रांडिंग, प्रचार और विपणन संपर्क बिंदु दिलाने में भी अहम भूमिका निभा रहा है। उम्मीद है कि इन पकवानों और उत्पादों को जीआई टैग मिलने से इनसे जुड़े किसानों, उत्पादकों और कलाकारों को अधिक कमाई करने में मदद मिलेगी।
हाल ही में बिहार के प्रसिद्ध मर्चा चावल को जीआई टैग दिया गया था, जो अपनी सुगंध और स्वाद के लिए जाना जाता है। भागलपुर के जरदालु आम और कतरनी धान, नवादा के मगही पान और मुजफ्फरपुर की शाही लीची को पहले ही जीआई टैग प्रदान किया जा चुका है।