बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर चुनावी रणभेरी बज चुकी है. सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों को टिकट देना शुरू कर चुकी हैं. इसी बीच चर्चा का खास केंद्र उम्मीदवारों को मिलने वाला पीला लिफाफा बना हुआ है. दरअसल, जब पार्टियों की ओर से उम्मीदवारों को टिकट दिया जा रहा है तो साथ में पीले रंग का बड़ा सा लिफाफा भी दिया जा रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर उस पीले लिफाफे में होता क्या है और उसका रंग पीला ही क्यों होता है?
दरअसल, पार्टियों की ओर से उम्मीदवारों को दिया जाने वाला पीला लिफाफा ही वह खास चीज है, जो ये घोषित करता है कि ये शख्स इस खास पार्टी का आधिकारिक प्रत्याशी है. जब भी किसी प्रत्याशी के हाथों में ये पीला लिफाफा आप देखें तो समझ जाइए कि उसे पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने की हरी झंडी मिल गई है. उम्मीदवारों को मिलने वाले पीले लिफाफे में चुनाव आयोग और पार्टी से जुड़े बहुत ही अहम दस्तावेज होते हैं और प्रत्याशी इन्हीं लिफाफों के साथ नामांकन के लिए जाते हैं.
दो तरह के होते हैं लिफाफे
आम तौर पर पार्टियों की ओर से प्रत्याशियों को मिले लिफाफे दो तरह के होते हैं. एक फॉर्म-A वाला लिफाफा होता है, तो वहीं दूसरा फॉर्म-B वाला लिफाफा होता है. इन दोनों लिफाफों में अलग-अलग चीजें बंद होती हैं. आइए जानते हैं कि आखिर फॉर्म-A और फॉर्म-B दोनों एक-दूसरे से कैसे अलग है और दोनों फॉर्म में क्या-क्या चीजें मौजूद होती हैं.
फॉर्म-A (Form-A)- प्रत्याशियों को मिलने वाला फॉर्म-A इस बात की नुमाइंदगी पेश करता है कि अब पार्टी की ओर से प्रत्याशी को चुनाव लड़ने की आधिकारिक मंजूरी मिल गई है. यानी इस फॉर्म के मिलने के बाद उम्मीदवार बेझिझक रूप से चुनाव लड़ सकता है.
फॉर्म-B (Form-B)- यह फॉर्म-A से पूरी तरह अलग होता है. इस लिफाफे में पार्टी का नाम, पार्टी का चुनाव चिह्न और प्रत्याशी के नाम का दस्तावेज होता है. यानी इस फॉर्म में पार्टी और उम्मीदवार से जुड़े जरूरी कागजात होते हैं. नामांकन के दौरान इस फॉर्म की विशेष जरूरत पड़ती है. इसके जरिए चुनाव आयोग प्रत्याशियों की रिकॉर्ड अपने पास रखता है.
फॉर्म-A और फॉर्म-B के अलावा पार्टियां अपने प्रत्याशियों को इलेक्शन कमीशन का लेटर, सिंबल की तस्वीर, पार्टी ऑफिस बियरर का लेटर भी मुहैया कराती हैं. इन सभी चीजों का इस्तेमाल प्रत्याशियों के नामांकन के दौरान किया जाता है.
लिफाफों का रंग पीला ही क्यों होता है?
अब बात आती है कि आखिर इन लिफाफों का रंग पीला ही क्यों होता है, तो आपको बता दें कि इन लिफाफों के रंग को लेकर आधिकारिक या संवैधानिक दिशा निर्देश नहीं है. लेकिन ज्यादातर पार्टियां पीले रंग के लिफाफे का इस्तेमाल इसलिए करती हैं, क्योंकि पीला रंग देखने में आकर्षक होता है और इस रंग की पहचान अन्य रंगों की अपेक्षाकृत बहुत जल्दी हो जाती है. यही वजह है कि इन लिफाफों का रंग पीला रखा जाता है.
