बिहार की राजधानी पटना के पारस हॉस्पिटल में कुख्यात बदमाश चंदन मिश्रा की हत्या को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. बताया जा रहा है कि हत्याकांड में फुलवारी शरीफ के कुख्यात तौसीफ रजा उर्फ बादशाह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. आखिर कौन है ये तौसीफ बादशाह, जो इस वक्त पुलिस हिरासत में है? आखिर चंदन मिश्रा से उसकी ऐसी भी क्या दुश्मनी हो गई थी कि इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया. या किसी और ने यह हत्या करवाई? यही नहीं, इस मर्डर में शेरू गैंग का भी नाम सामने आ रहा है.
बताया जा रहा है कि तौसीफ के अलावा दूसरा हत्यारोपी आकिब मालिक, तीसरा सोनू, चौथा कालू उर्फ मुस्तकीम और पांचवां भिंडी उर्फ बलवंत सिंह है. इनमें से आकिब मालिक फुलवारी शरीफ का ही रहने वाला है, जबकि बलवंत बक्सर का रहने वाला है. अन्य चार आरोपियों को धर पकड़ के लिए पटना के साथ-साथ राज्य के दूसरे जिलों में SIT की मदद से छापेमारी की जा रही है.
गुरुवार सुबह चंदन मिश्रा की पारस अस्पताल के ICU के कमरा नंबर- 209 में गोली मारकर के हत्या की गई थी. चंदन पर 24 से अधिक मामले दर्ज थे. चंदन पूर्व में अपराधी रहा है.
वहीं, सूत्रों का कहना है कि तौसीफ बादशाह पर भी आर्म्स एक्ट का एक मामला दर्ज है. फिलहाल इस बात की जांच की जा रही है कि क्या तौसीफ पटना सहित प्रदेश के अन्य कुख्यात अपराधी को लिए शूटर व्यवस्था किया करता था. या फिर खुद सुपारी लेकर उसकी हत्या किया करता था.
हिस्ट्री खंगाली जा रही बदमाशों की
चंदन हत्याकांड को पटना पुलिस वर्चस्व की लड़ाई मान रही है. पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा का कहना है कि सभी शूटरों की पहचान कर ली गई है. पुलिस उनकी हिस्ट्री खंगाल रही है और लोकेशन के आधार पर छापेमारी कर रही है. अभी तक सिर्फ तौसीफ बादशाह को ही पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
शेरू और चंदन अच्छे दोस्त थे
सूत्रों के मुताबिक, इस घटना के पीछे शेरू गैंग का हाथ है. पुलिस इस एंगल से भी अपनी जांच कर रही है. कहा जा रहा है कि अपराधी इस घटना को अंजाम देने के बाद बक्सर की ओर भागे हैं. पुलिस सूत्रों का कहना है कि चंदन और शेरू दोनों पहले दोस्त हुआ करते थे. चंदन, शेरू गैंग के नाम से अपना गैंग चलाया करता था. लेकिन बाद में दोनों अलग हो गए.
शेरू और चंदन क्यों हुए अलग?
दोनों को जानने वाले बताते हैं कि भागलपुर जेल में दोनों के बीच विवाद हुआ था. इस विवाद के बाद से दोनों अलग अलग हो गए. चंदन मिश्रा ने इसके बाद अपना सम्राज्य बड़ा किया और शेरू गैंग के शूटरों को अपने साथ मिलाना शुरू कर दिया था. कहा जा रहा है कि इससे परेशान होकर शेरू ने उसके नाम की सुपारी देकर उसकी हत्या करवा डाली. लेकिन, पुलिस अभी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए है. पुलिस का कहना है कि जब तक सभी अपराधियों की गिफ्तारी नहीं हो जाती, कुछ भी स्पष्ट रूप से कहना मुश्किल है.
