By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
The Voice Of BiharThe Voice Of Bihar
  • ब्रेकिंग न्यूज
  • बिहार
    • अररिया
    • अरवल
    • औरंगाबाद
    • कटिहार
    • किशनगंज
    • कैमूर
    • खगड़िया
    • गया
    • गोपालगंज
    • जहानाबाद
    • दरभंगा
    • नवादा
    • पटना
    • पश्चिमी चम्पारण
    • पूर्णिया
    • बेतिया
    • भागलपुर
    • मधुबनी
    • रोहतास
    • शेखपुरा
    • सहरसा
    • सासाराम
    • सुपौल
  • क्राइम
  • खेल
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • UP News
  • कहानी
Search
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Reading: बिहार में SIR की आंच से अब बीजेपी भी परेशान, पार्टी क्यों हुई असहज?
Share
Sign In
Notification Show More
Latest News
अब कैंसर हॉस्पिटल खोलेंगे खान सर, एक मुंहबोली बहन की डिमांड पर कर दिया बड़ा ऐलान
पटना
दिल्ली के लिए 10 अगस्त से हर रविवार चलेगी अमृत भारत एक्सप्रेस, सीतामढ़ी से किराया 585 रुपये
सीतामढी
दो साल का प्रेम, फिर इनकार… अब थाने में बजी शहनाई, पुलिस की मौजूदगी में हुई शादी
कहानी
पूर्व विधायक अनंत सिंह पर की थी फायरिंग.. मुख्य आरोपी मोनू सिंह को बरौनी स्टेशन से किया गिरफ्तार
क्राइम
रक्षाबंधन की हर ओर धूम? जानें राखी बाधने का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और शुभ योग!
कहानी
Aa
The Voice Of BiharThe Voice Of Bihar
Aa
  • ब्रेकिंग न्यूज
  • बिहार
  • क्राइम
  • खेल
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • UP News
  • कहानी
Search
  • ब्रेकिंग न्यूज
  • बिहार
    • अररिया
    • अरवल
    • औरंगाबाद
    • कटिहार
    • किशनगंज
    • कैमूर
    • खगड़िया
    • गया
    • गोपालगंज
    • जहानाबाद
    • दरभंगा
    • नवादा
    • पटना
    • पश्चिमी चम्पारण
    • पूर्णिया
    • बेतिया
    • भागलपुर
    • मधुबनी
    • रोहतास
    • शेखपुरा
    • सहरसा
    • सासाराम
    • सुपौल
  • क्राइम
  • खेल
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • UP News
  • कहानी
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
The Voice Of Bihar > Blog > पटना > बिहार में SIR की आंच से अब बीजेपी भी परेशान, पार्टी क्यों हुई असहज?
पटना

बिहार में SIR की आंच से अब बीजेपी भी परेशान, पार्टी क्यों हुई असहज?

Saroj Raja
Last updated: 2025/07/16 at 9:36 PM
Saroj Raja
Share
7 Min Read
SHARE

चुनाव आयोग के मतदाता सूची पुनरीक्षण की आंच का असर बीजेपी पर भी दिखने लगा है. पार्टी को चिंता हो गई कि इस मुद्दे पर विपक्ष ने पूरी तरह से नैरेटिव उनके खिलाफ तैयार कर दिया है. विपक्ष के बार-बार SIR प्रक्रिया में लोगों के बड़े पैमाने पर मतदाता सूची से बाहर करने की चेतावनी का पूरे राज्य में असर पड़ रहा है. जाहिर है कि पार्टी को ऐसा लगने लगा है कि अगले विधानसभा चुनावों में इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है. 

इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट की माने तो स्थानीय स्तर से मिल रही नकारात्मक रिपोर्टों के बाद, बिहार बीजेपी के संगठन महामंत्री भिखुभाई दलसानिया ने सोमवार को पार्टी के 26 राज्य पदाधिकारियों के साथ बैठक की है. इसमें उन्होंने निर्देश दिया कि वे पूरे राज्य में जाकर मतदाताओं से मिलें, उनकी आशंकाएं दूर करें और पार्टी समर्थकों को मतदाता सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया में मदद करें.

अभी पिछले हफ्ते ही बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष बिहार दौरे पर थे, जहां उन्होंने राजगीर और मुज़फ्फरपुर में पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बैठक की थी. एक्सप्रेस के मुताबिक यह बैठक शायद चुनावी तैयारियों के साथ-साथ यह जानने की कोशिश थी की SIR को लेकर आम लोगों की प्रतिक्रिया किस तरह की है. 

1- जमीनी स्तर पर अव्यवस्था से बीजेपी भी परेशान

 कई जिलों से बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) की लापरवाही और मतदाताओं तक सही जानकारी न पहुंचने की शिकायतें आईं हैं. यह अव्यवस्था बीजेपी के लिए भी नुकसानदायक साबित हो रही है. पार्टी खुद अपने मतदाताओं तक हंड्रेड परसेंट के टार्गेट पूरा नहीं कर पाई है.  पहले भारतीय जनता पार्टी को यह लग रहा था कि अपने विशाल संसाधनों के बल पर वह अपने  कोर मतदाताओं की मतदाता सूची रिविजन करवाने में सफल हो जाएगी.

पर बीजेपी के कार्यकर्ताओं की जो रफ्तार है उससे पार्टी को नहीं लग रहा है कि समय रहते उनका टार्गेट पूरा हो पाएगा. हालांकि विपक्षी दलों के मुकाबले बीजेपी के पास अभी भी सबसे अधिक BLA हैं . करीब 52,000 बीएलए दिन रात मेहनत के बाद भी सभी मतदान केंद्रों पर नहीं पहुंच पाए हैं. पार्टी के खुद के आंकड़ों के अनुसार अभी बहुत सी जगहों पर जाना बाकी है. एक्सप्रेस की मानें तो बीजेपी नेता खुद मान रहे हैं कि हम विपक्ष की तुलना में सुस्त दिख रहे हैं.

1 अगस्त के बाद जब मतदाता नामांकन के लिए आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड किया जाएगा तो और भी मुश्किल आने वाली है. बताया जा रहा है कि अभी तक फॉर्म भरने वालों में केवल 30% ही सही दस्तावेजों के साथ फॉर्म जमा कर पाए हैं. हालांकि चुनाव आयोग अभी तक इस बात को स्वीकार नहीं कर रहा है. लेकिन ज़मीन पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं का मानना है कि 70 से 80% लोगों ने बिना किसी आवश्यक दस्तावेज के फॉर्म जमा किया है.

2-सहयोगी दलों की बेचैनी

बिहार में चुनाव आयोग की मतदाता सूची परीक्षण को लेकर एनडीए के सहयोगी दलों में भी असंतोष बढ़ रहा है. फिलहाल मंगलवार को टीडीपी ने जिस तरह चुनाव आयोग को पत्र लिखकर SIR को नागरिकता सत्यापन से अलग रखने और अधिक समय देने की मांग की उससे जाहिर है कि बीजेपी की बेचैनी बढ़ी होगी. ऐसा नहीं है कि टीडीपी के अलावा अन्य दल शांत हैं. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने बहुत पहले ही समय की कमी और बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) की अपर्याप्त तैयारी की बात कही थी. उपेंद्र कुशवाहा ने भी समय मतदाता सूची रिवीजन के लिए समय बढ़ाने की मांग की थी.
एनडीए के सहयोगी दलों का कोर वोटर्स अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी), दलित और महिलाएं हैं . इसलिए इन दलों को डर है कि उनके कोर वोटर, जो आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर हैं,उनके लिए यह प्रक्रिया बहुत मुश्किल भरी हो गई है. जाहिर है कि सहयोगी दलों  की चिंता के चलते बीजेपी में एसआईआर को लेकर असहजता बढ़ रही है.

3-सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप

सुप्रीम कोर्ट ने एसआईआर पर रोक तो नहीं लगाई है पर प्रक्रिया पर सवाल जरूर उठाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया की वैधता पर सवाल उठाए और चुनाव आयोग को सुझाव दिया कि आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को भी स्वीकार किया जाए. ज

 कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर आयोग इन दस्तावेजों को अस्वीकार करता है, तो उसे कारण बताना होगा. 

 जाहिर है कि सुप्रीम कोर्ट के इस रुख से केंद्र सरकार की किरकिरी हुई है. भविष्य में अगर सुप्रीम कोर्ट इस पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा देती है तो यह पार्टी और सरकार दोनों के लिए ही मुश्किल पैदा करेगा. 

4-प्रवासी मतदाताओं का मुद्दा: 

एक्सप्रेस लिखता है कि एसआईआर को लेकर हुई पार्टी की एक बैठक में बीजेपी के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम SIR प्रक्रिया का स्वागत करते हैं, लेकिन हमारे कुछ सवाल हैं… जो लोग रोज़गार के लिए बाहर गए हैं, उनके छूटने की आशंका है. हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग का ऑनलाइन ऐप इस समस्या को दूर करेगा.

बिहार में 21% मतदाता राज्य से बाहर रहते हैं, और उनके लिए 31 दिनों में दस्तावेज जमा करना असंभव लग रहा है. दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में रहने वाला प्रवासी बिहारी वोटर्स अधिकतर बीजेपी के कोर वोटर्स हैं. दिल्ली और मुंबई से अपना वोट बनवाने आना और डॉकुमेंट्स इकट्टा करना इतना श्रमसाध्य और मुश्किल भरा है जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती. जाहिर है कि अगर 2 से 4 परसेंट वोट भी इनका कम होता है तो पार्टी के लिए अगले चुनावों में मुश्किल होनी तय है.
 

Sign Up For Daily Newsletter

Be keep up! Get the latest breaking news delivered straight to your inbox.
[mc4wp_form]
By signing up, you agree to our Terms of Use and acknowledge the data practices in our Privacy Policy. You may unsubscribe at any time.
Share this Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Copy Link Print
Share
By Saroj Raja
Follow:
बिहार,झारखंड,उत्तर प्रदेश, दिल्ली की राजनीतिक समसामाजिक विज्ञान खेल और मनोरंजन की बात दिखिये सब-कुछ!
Previous Article पटना में एक आईआरएस अफसर समेत आयकर विभाग के तीन कर्मियों और अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। 
Next Article क्या पीके अपनाएंगे डेब्यू का ‘केजरीवाल मॉडल’? बिहार विधानसभा चुनाव के लिए क्या है प्लान
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected

235.3k Followers Like
69.1k Followers Follow
11.6k Followers Pin
56.4k Followers Follow
136k Subscribers Subscribe
4.4k Followers Follow
- Advertisement -
Ad imageAd image

Latest News

अब कैंसर हॉस्पिटल खोलेंगे खान सर, एक मुंहबोली बहन की डिमांड पर कर दिया बड़ा ऐलान
पटना August 9, 2025
दिल्ली के लिए 10 अगस्त से हर रविवार चलेगी अमृत भारत एक्सप्रेस, सीतामढ़ी से किराया 585 रुपये
सीतामढी August 9, 2025
दो साल का प्रेम, फिर इनकार… अब थाने में बजी शहनाई, पुलिस की मौजूदगी में हुई शादी
कहानी August 9, 2025
पूर्व विधायक अनंत सिंह पर की थी फायरिंग.. मुख्य आरोपी मोनू सिंह को बरौनी स्टेशन से किया गिरफ्तार
क्राइम August 9, 2025
The Voice Of BiharThe Voice Of Bihar
Follow US

© 2022 TheVoiceOfBihar.com. All Rights Reserved. Designed by Metolite

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?