अमूमन परिवार के बुजुर्ग सोने से पहले पढ़ाई करने को कहते हैं. कहा जाता है कि सोने से पहले पढ़ा हुआ दिमाग में अच्छी तरह से बैठ जाता है. ये एक धारणा नहीं है. बल्कि विज्ञान भी ये मानता है. कई तरह की रिसर्च में पाया गया है कि अगर कोई छात्र दिनभर की पढ़ाई या सीखी गई चीजें सोने से ठीक पहले दोहराता है, तो उसकी याददाश्त पर शानदार असर पड़ता है. यह ट्रिक आजकल परीक्षा की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स में भी खासा पॉपुलर हो गई है.
आइए जानते हैं कि सोने से पहले पढ़ने का ये गणित क्या है? कैसे ये आदत अपना कर कोई भी अपनी याददाश्त को बेहतर बना सकता है. इसके फायदे क्या हैं?
क्या कहता है विज्ञान
सोने से पहले पढ़ाई को लेकरन्यूरो साइंटिस्ट कहते हैं कि सोते वक्त दिमाग ‘मेमोरी कंसॉलिडेशन’ नाम की प्रक्रिया करता है. इसका मतलब है कि दिनभर जो भी नया सीखा या पढ़ा गया है, उसे दिमाग रात को पक्की यादों में बदल देता है. नींद के दौरान दिमाग बिना किसी बाहरी रुकावट के उस जानकारी को अच्छे से प्रोसेस करता है, जिससे अगली सुबह उठने पर यही जानकारी हम आसानी से याद कर लेते हैं.इसी वजह से माना जाता है कि कोई भी जानकारी अगर लंबे समय तक याद रखनी है तो उसे सोने से पहले दोबारा दोहरा लिया जाए.
किन लोगों को होता है इसका फायदा?
- स्टूडेंट्स: परीक्षा की तैयारी में उपयोगी, खासकर लंबे जवाब या फॉर्मूलों को याद रखने के लिए.
- प्रोफेशनल्स: कोई प्रेजेंटेशन या मीटिंग है, तो थीम, पॉइंट्स या स्क्रिप्ट रात में दोहराने से कंटेंट पक्का याद हो जाता है.
- ग्रेजुएट्स या कॉम्पिटिटिव एग्जाम की प्रैक्टिस करने वाले: रिवाइज करते वक्त ट्रिकी सवालों पर खास ध्यान रखना चाहिए.
क्या सावधानियां रखें?
कई बार लोग नींद में कटौती करके देर रात तक पढ़ाई करते हैं, लेकिन इससे नुकसान भी हो सकता है. एक्सपर्ट की सलाह है कि सोने से कम से कम आधा घंटा पहले अपनी पढ़ाई खत्म कर लें, मोबाइल या स्क्रीन से दूर रहें, ताकि दिमाग उस पर फोकस कर सके. रिसर्च बताती है कि कम नींद या डिस्टर्ब्ड नींद से मेमोरी बनने की शक्ति कम हो जाती है.
कैसे करें रिवीजन?
- जब भी पढ़ाई करें, दिनभर के नोट्स को रात में दोहराएं.
- छोटे पॉइंट्स, अहम फॉर्मूले, तारीख या डायग्राम दोहराने के लिए तीन से पांच मिनट का रिवीजन काफी है.
- सोने से पहले दिमाग को शांत रखें और नई जानकारी नहीं लें, सिर्फ पहले पढ़ी गई चीजें रिवाइज करें.
