चीन में कोरोना इन दिनों तबाही मचा रहा है। जानकारों के मुताबिक अभी चीन में यह लहर थमने वाली नहीं है। चीन के अस्पताल मरीजों से पटे पड़े हैं। श्मशान में जगह नहीं रह गई है। 2019 में कोरोना महामारी की शुरुआत भी चीन से हुई थी। हालांकि कोरोना ने असली तबाही दूसरे देशों में मचाई थी। इस बार चीन से ही कोरोना का नया वेरिएंट फैलने लगा है। आपका बता दें कि तीन साल के बाद भी चीन और भारत के बीच डायरेक्ट विमान सेवा शुरू नहीं हो पाई है। हालांकि दूसरे देशों से आवागमन जारी है। इसी तरह 2020 में भी हुआ था। चीन से लोग भारी संख्या में इटली जाते थे। इटली में चीन के बाद कोरोना ने पैर पसारे और लाखों लोगों की मौत हो गई।
केंद्र ने की समीक्षा बैठक
चीन के हालात देखते हुए भारत सरकार ने भी एहतियात बरतने की सलाह दी है। बुधवार को केंद्र सरकार ने समीक्षा बैठक की और जरूरी उपाय करने के बारे में चर्चा की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई बातों पर जोर देने को कहा गया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। वहीं राज्यों से जीनोम सेक्वेंसिंग बढ़ाने को कहा गया है जिससे कि कोरोना के नए वेरिएंट की पहचान की जा सके।
क्या चीन से आवागमन और सीमा पर लगना चाहिए प्रतिबंध?
पड़ोसी चीन में जिस तरह से कोरना तबाही मचा रहा है वह चिंता का विषय है। चीन में जीरो कोविड पॉलिसी में ढील दिए जाने के बाद संक्रमण तेजी से फैला है। भारत की सीमा चीन से लगी हुई है। इसके अलावा भारत बड़ी मात्रा में चीन से आयात भी करता है। हालांकि आयात और निर्यात पर रोक नहीं लगाई जा सकती। भारत और चीन के बीच डायरेक्ट विमान सेवा अभी शुरू ही नहीं हुई है। कहा जा रहा था कि मार्च 2023 से विमान सेवाएं शुरू की जाएंगी। हालांकि इसपर कोई फाइनल फैसला नहीं हुआ था। हालांकि भारत को सबसे पहले एयरपोर्ट पर सावधानी बरतनी होगी। बाहर से आने वाले लोगों की जांच जरूरी है। एक अनुमान के मुताबिक अगले 90 दिनों में चीन की 60 फीसदी आबादी कोरोना संक्रमित हो जाएगी। इसके बाद दुनिया के देशों में कोरोना फैलना शुरू हुआ जिसने लोगों को पस्त कर दिया। सच छिपाता है चीन
चिंता की बात यह भी है कि चीन सच छिपाने में माहिर है। ऐसे में चीन में होने वाली मौतों और वायरस के रिस्क की सही जानकारी नहीं मिल पाती। चीन के वुहान से ही संक्रमण की शुरुआत हुई थी लेकिन चीन हमेशा इस बात से इनकार करता रहा। इसी तरह चीन जब कोरोना के कहर से जूझ रहा है तो वह दुनिया के सामने सही आंकड़े नहीं रख रहा है। उसका कहना है कि चीन में कोरोना से मौत ही नहीं हो रही है. वहीं जब सोशल मीडिया पर आने वाले वीडियो देखते हैं तब पता चलता है कि वहां की स्थिति बहुत भयावह है। ऐसे सच छिपाने वाले पड़ोसी से सतर्क रहना जरूरी है।