पटना. पटना जिले अंतर्गत मनेर प्रखंड के हल्दी छपरा संगम घाट पर अवैध बालू लोडिंग कर पहलेजा घाट जा रही एक नाव अचानक गोता खाकर गंगा में डूब गयी. नाव पर 15 लोग सवार थे. इस दौरान सभी लोग गंगा नदी में डूब कर लापता हो गए हैं. किसी भी नाविक कब तक अता पता नहीं चल सका है, वहीं नाव वैशाली जिले के गोविंदपुर की बताई जा रही है.null
नाव बालू बिक्री के लिए पहलेजा जा रही थी
मनेर के सुअर मरवा दियारा पर अवैध बालू खनन करने के बाद नाव बालू बिक्री के लिए पहलेजा जा रही थी. इसी भी तेज हवा होने के कारण गंगा नदी में बालू लदी नाव नाविकों के साथ पलट कर डूब गई. इधर, सूचना के बावजूद प्रशासन मामले को क्षेत्र से बाहर बता रही है.
तेज धार के बीच टकराईं दोनों नावें
घटना के संबंध में बताया जाता है कि मनेर और सारण के बीच गंगा नदी में अहले सुबह दो नावें आपस में टकराने के बाद डूब गईं. इस हादसे के वक्त काफी तेज हवाएं चल रही थीं. तेज हवाओं के कारण गंगा की लहरें और अधिक विकराल हो गई थीं. दोनों नावों पर करीब दो दर्जन मजदूर एवं नाविक सवार थे. इनमें से लगभग 15 लोगों के निकलने की बात बतायी जा रही है.null
मनेर थाना अध्यक्ष को सूचना नहीं
एक नाव लालगंज के खंदा चक की बताई जा रही है, जबकि दूसरी नाव के बारे में पता नहीं चल रहा है. कुछ लोगों का कहना है कि नदी में डूब रही नाव पर सवार लोगों को तैर कर दूसरी नाव के सहारे निकलते भी देखा गया है. मनेर थाना अध्यक्ष राजीव रंजन का कहना है कि संगम के समीप एक नाव डूबी है, जो कि हमारे क्षेत्र में नहीं आता है. उन्होंने कहा कि अब तक किसी के हताहत की सूचना नहीं है.
बालू तस्करों के धंधे में होते रहते हैं हादसे
बताया जा रहा है कि दोनों नावों पर ओवरलोड बालू लदा हुआ था. आपको यह भी बता दें कि एनजीटी के आदेश पर फिलहाल बिहार में बालू खनन का काम पूरी तरह बंद है. बावजूद, गंगा और सोन के दियारा में भोजपुर, सारण और पटना जिले के बालू तस्कर बड़ी नावों के जरिए इसी तरह बालू निकालने में लगे रहते हैं.
कोई कार्रवाई नहीं
यहां सैकड़ों नावों के जरिए हर दिन यह धंधा चलता है, लेकिन प्रशासन की टीम कभी-कभार कार्रवाई करती है. पिछले दिनों ऐसी ही एक नाव पर सिलेंडर ब्लास्ट में कई मजदूर जिंदा जल गये थे. तब भी प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई बालू तस्करों पर नहीं की गयी.