विधान परिषद के उपसभापति डाॅ. राम चंद्र पूर्वे ने छात्रों को संबोधित किया और सफलता के लिए कई टिप्स दिया। सोनबरसा स्थित नंदीपत जीतू उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं को उन्होंने कैरियर निर्माण को लेकर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि ड्रीम से तात्पर्य है कि जगते हुए अच्छा कैरियर बनाने का सपना देखेना, डिसिप्लिन का अर्थ जीवन में सफलता के लिए अनुशासन जरूरी है। डीटरमेशन यह है कि स्वयं की पहचान बनाना एवं डायरेक्शन का मतलब है कि उचित मार्ग की ओर अग्रसर रहना है। 9वीं एवं 10वीं को छात्रों को पढ़ाते हुए डाॅ. पूर्वे ने छात्रों से आग्रह किया कि जीवन में यह मंत्र अपना लीजिए, आप जरूर कामयाब होंगे।
गलतियों से सीखें
अगर आपको सफलता हासिल करनी है तो आपको अपनी गलतियों से सीखना होगा। उदाहरण के लिए यदि पिछली परीक्षा में कुछ विषयों में आपके बहुत अच्छे नंबर आए थे और मैथ में आपके नंबर कुछ कम रह गये थे जिसकी वजह से आपका सिलेक्शन नहीं हो पाया तो अगली बार आप मैथ विषय में अधिक मेहनत करें और उस परीक्षा को पास कर लें। इसे ही कहते हैं अपनी गलतियों से सीखना।
मॉक टेस्ट जरूरी
यदि आप किसी भी तरह की परीक्षा में बैठने जा रहे हैं तो मॉक टेस्ट आपके लिए बहुत जरूरी है। परीक्षा में सफलता पाने के लिए हर महीने आपको मॉक टेस्ट देना चाहिए। इसे प्रैक्टिस टेस्ट भी कहते हैं। यह देने से आपको पता चल जाता है कि आपको पढ़ा हुआ कितना याद रह गया है।
अच्छे दोस्त बनाएं
अगर आपको सफलता हासिल करनी है तो आपके अच्छे दोस्त जरूरी हैं। सभी को पता है कि संगत का बहुत असर होता है। यदि आप अच्छे लोगों को अपना दोस्त बनाएंगे तो अच्छी बातें सीखेंगे। यदि बुरे लोगों को अपना दोस्त बनाएंगे तो बुरी आदतें सीखेंगे। इसलिए आपको पढ़ने लिखने में रुचि रखने वाले लोगों को ही अपना दोस्त बनाना चाहिए।
पढ़ाई का समय निर्धारित
अगर आप सफल होना चाहते हैं तो आपको प्रतिदिन निर्धारित समय पर पढ़ाई करनी होगी। इसके लिए आप अपनी योजना बना सकते हैं। आप चाहें तो सुबह 5 बजे से 9 बजे तक पढ़ाई कर सकते हैं। दोपहर में 12 से 3 बजे तक पढ़ सकते हैं। शाम को 5 से 9 बजे तक पढ़ सकते हैं। वैसे तो पढ़ने का कोई समय नहीं होता है। कभी भी पढ़ सकते हैं। पर एक निश्चित समय पर पढ़ना अच्छा होता है।
नियमित पढ़ाई करें
अगर आप सफलता हासिल करना चाहते हो तो आपको रेगुलर पढ़ाई करनी होगी। ज्यादातर छात्र छात्राएं शुरू में तो खूब पढ़ते हैं पर कुछ ही महीने में उनका जोश ठंडा पड़ जाता है और वे बीच में 1 से 2 महीने या 15 दिन या किसी अवधि के लिए पढ़ाई बंद कर देते हैं या बहुत कम पढ़ते हैं। यह आदत बहुत से छात्रों में पाई जाती है जो बिल्कुल भी सही नहीं है। इससे आपको बचना चाहिये। यदि आप परीक्षा में सफल होना चाहते हैं तो आपको नियमित तौर पर पढ़ना चाहिए।