अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण में 1800 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. मंदिर निर्माण के लिए गठित संस्था श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने यह जानकारी दी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राम मंदिर निर्माण के लिए गठित किए गए ट्रस्ट ने लंबी बैठक के बाद ट्रस्ट के नियम और कायदों को अनुमोदन दिया. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि फैजाबाद सर्किट हाउस में आयोजित इस बैठक में ट्रस्ट के सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया कि राम जन्मभूमि परिसर में हिंदू धर्म से जुड़ी महान विभूतियों और साधु-संतों की प्रतिमाओं को भी स्थान दिया जाएगा.
मीडिया से बात करते हुए चंपत राय ने बताया कि विशेषज्ञों द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर लगाए गए ट्रस्ट के अनुमान के मुताबिक राम मंदिर निर्माण पर 1800 करोड़ रुपए खर्च होंगे. राय ने बताया कि लंबे अरसे तक सोच विचार और राम मंदिर निर्माण से जुड़े सभी लोगों के तमाम सुझावों पर आज की बैठक में ट्रस्ट से जुड़े नियम कायदों और बाइलॉज को अंतिम रूप दिया गया.
तीन प्रमुख बिंदुओं पर एकमत होकर निर्णय
चंपत राय ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में तीन प्रमुख बिंदुओं पर सभी ने एकमत होकर निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि अभी तक हम लोगों का अंदाजा था कि मंदिर का निर्माण का 300 या 400 करोड़ में हो जाएगा, लेकिन वह सब निराधार साबित हो गया. श्रीराम जन्मभूमि पर बनने वाले रामलला के मंदिर के निर्माण कार्य का खर्च लगभग 1800 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है, जिसको लेकर बैठक में चर्चा की गई.
रामायण कालीन पात्रों के मंदिर
इसके साथ ही श्रीराम जन्मभूमि पर रामायण कालीन पात्रों के उपासना स्थल का भी निर्माण कार्य कराया जाएगा, जिनमें महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, माता शबरी, जटायु, महर्षि अगस्त्य शामिल हैं. साथ ही साथ जन्मभूमि परिसर में निषाद राज का भी मंदिर बनाया जाएगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की नियमावली को लेकर भी ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने विधिवत चर्चा की और तीन से चार बार बनाई गई नियमावली संशोधन के बाद तैयार हुई.
ट्रस्ट की नियमावली पर लगी मुहर
ट्रस्ट की नियमावली पर आखिरी मुहर लगाई गई है. साथ ही रामलला के गर्भ गृह में रामलला के व्हाइट मार्बल बाल स्वरूप की अचल विग्रह को स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि इस बैठक में ट्रस्ट के 15 में से 14 सदस्यों ने हिस्सा लिया, जिनमें निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी, उडुपी पीठाधीश्वर विश्व तीर्थ प्रसन्नाचार्य, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील के परासरण, युगपुरुष परमानंद जी महाराज. विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र प्रमुख रूप से शामिल थे. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि प्रमुख सचिव गृह विभाग संजय प्रसाद ऑनलाइन इस बैठक में शामिल हुए थे. वहीं अत्यधिक व्यस्तता के कारण भारत सरकार के प्रतिनिधि ज्ञानेश कुमार इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए.
बैठक में 14 सदस्य शामिल
उन्होंने बताया कि इस बैठक में ट्रस्ट के 15 में से 14 सदस्यों ने हिस्सा लिया, जिनमें निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी, उडुपी पीठाधीश्वर विश्व तीर्थ प्रसन्नाचार्य प्रमुख रूप से शामिल थे. राम जन्मभूमि परिसर में भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है और इसके दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार हो जाने का अनुमान है व मंदिर में जनवरी 2024 (मकर संक्राति) तक भगवान राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हो जाने की संभावना है.