सीतामढ़ी शहर को जलजमाव से बचाने के लिए हफ्ते भर में नालों की उड़ाही : डीएम सीतामढ़ी शहर को जलजमाव से बचाने के लिए हफ्ते भर में नालों की उड़ाही : डीएम
सीतामढ़ी। जिला पदाधिकारी मनेश कुमार मीणा ने अफसरों को ताकीद की है कि इस बार शहर में जलजमाव से लोगों को जूझना न पड़े। नगर आयुक्त मुमुक्षु चौधरी को उन्होंने आदेश दिया कि एक सप्ताह के अंदर सभी नालों की उड़ाही करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि चाहे जितनी जेसीबी लग जाए लगाएं और नालों की सफाई समुचित तरीके से कराएं।
नालों से निकले कचरे को उसी समय वहां से हटाने की व्यवस्था भी करें। शहर के निचले इलाके में पानी निकासी हेतु पंप सेट की व्यवस्था करें। रिग बांध एवं अन्य स्थानों पर अतिक्रमण करने वालों को नोटिस निर्गत करें। लखनदेई नदी की साफ-सफाई एवं जलकुंभी हटाना सुनिश्चित करें। बैठक में एसपी हर किशोर राय, डीडीसी विनय कुमार, वरीय आपदा प्रभारी पदाधिकारी रविद्र नाथ गुप्ता, आपदा प्रभारी पदाधिकारी शंभू नाथ, ओएसडी प्रशांत कुमार, अधीक्षण अभियंता सीतामढ़ी उपस्थित थे।
बाढ़ एवं सुखाड़ की संभावनाओं से निपटने के लिए डीएम ने सभी विभागों को किया अलर्ट सीतामढ़ी। बाढ़ एवं सुखाड़ की संभावनाओं से निपटने के लिए तैयारियों को लेकर शनिवार को समीक्षा बैठक की गई। डीएम मनेश कुमार मीणा ने बिदुवार संबंधित पदाधिकारियों से समीक्षा की। जिसमे आपदा प्रभारी शंभूनाथ द्वारा पीपीटी के माध्यम से बताया गया कि पूरे जिले में मोबाइल मेडिकल टीम की संख्या 31 एवं कैंप की संख्या 64 है।
लोक स्वास्थ्य प्रमंडल द्वारा जिले में कुल 31091 चापाकल कार्यरत हैं, क्लोरीन टैबलेट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। लाइफ जैकेट 83 एवं मोटर बोट की संख्या 12 है। जिले में 38450 पालीथीन शीट उपलब्ध है। 20000 और पालीथीन शीट अधियाचना की गई है। जिले में सात बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माण किया जाना है। जिसमें दो स्थल रुन्नीसैदपुर में तैयार है। अन्य पांच आश्रय स्थल हेतु अंचलों में भूमि चिह्नित कर प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है। जिला सांख्यिकी कार्यालय द्वारा सभी 17 प्रखंडों में वर्षा मापक यंत्र अधिष्ठापित किया गया है।
संभावित बाढ़ प्रभावित 17 प्रखंडों में 59 पशु शरण स्थल चिह्नित हैं। वहीं 34 पशु चिकित्सा कैंप का चयन हुआ है। डीएम ने निर्देश दिया कि बाढ़ के समय प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं, धातृ महिलाएं, दिव्यांगों को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। उनकी सूची बना लें। पालीथीन शीट, पशु चारे की उपलब्धता, खाद्यान्न के संधारण हेतु गोदाम, नाव की उपलब्धता एवं उनका निबंधन किया जाना आदि को लेकर भी समीक्षा की गई। हर हफ्ते समीकक्षात्मक बैठक करने का निर्देश दिया।