नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र व जिले में हुई बारिश के कारण बागमती सहित अधवारा समूह के नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। लखनदेई, मरहा व हरदी नदी उफना जाने से निचले इलाके में सैकड़ों एकड़ धान की फसल पानी में डूब गई है। इससे किसान चिंतित है। फसल को पहले सुखाड़ ने बर्बाद किया। अब बाढ़ का पानी फसल को डूबो दिया है।
सोमवार की शाम तीन बजे बागमती नदी का जलस्तर कटौझा में लाल निशान से 45 सेमी ऊपर पहुंच गया। वहीं सोनाखान में जलस्तर लाल निशान से नीचे हो गया है। बागमती नदी का ढेंग में लाल निशान से 82 सेमी नीचे, सोनाखान में 22 सेमी नीचे बह रही है। दोनों जगहों पर जलस्तर में वृद्धि जारी है। वहीं डुब्बा घाट में बागमती लाल निशान से एक मीटर नीचे बह रही हैं। चंदौली और डुब्बाघाट में जलस्तर घट रहा है। वहीं सोनबरसा में झीम नदी, सुंदरपुर में अधवारा नदी का जलस्तर घट रहा है। पुपरी में अधवारा नदी व गोआवाड़ी में लालबकेया नदी लाल निशान से 52 सेमी नीचे पहुंच पर है।
नीचे इलाके में लगी धान की फसल पानी में डूबी: शहर से गुजरी लखनदेई नदी उफना गई है। बाढ़ का पानी रेलवे किनारे बसे कुष्ट कॉलोनी में प्रवेश कर रहा है। कॉलोनी के लोग ऊंचे स्थल पर शरण ले रहे है। वहीं नदी का पानी नदी किनारे बने कई भवन के ग्राउंड फ्लोर में घुस गया है। इसके अलावा बाढ़ का पानी डुमरा प्रखंड के बाजितपुर, हरिछपरा, जगदीशपुर सहित कई गांव के सरेह में लखनदेई नदी का पानी फैल गया है।
इससे खेतों में लगी धान की फसल डूब गई है। इसके अलावा साग-सब्जी की फसल भी पानी में डूब गई है। परिहार में दो दिनों से मरहा व हरदी नदी तबाही मचायी हुई है। जलस्तर में कमी के बावजूद लालबंदी-परवाह पथ पर पानी का बहाव जारी है। लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्रोत हिंदुस्तान