सीतामढ़ी। शहर के राजोपट्टी में ही मीट की दुकान मुख्य सड़क किनारे है। जहां पर कुत्तों का झूंड आसपास मंडराता रहता है। खासकर रात के समय में यहां से गुजरना काफी खतरनाक हो जाता है। ठंड बढ़ने के साथ ही कुत्तों का खौफ इधर बढ़ने लगता है। मीट का बचा हुआ बेकार भाग खाकर कुत्ते ज्यादा खतरनाक हो जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि कच्चा मांस खाने व ठंड बढ़ने की वजह से कुत्ते ज्यादा हमलावर हो जाता है।
वहीं शहर के रीगा रोड में मीट-मछली की दुकानें सजती है। इसके अतिरिक्त गुदरी बाजार, गौशाला चौक, बसबरिया, मोहनपुर चौक सड़क किनारे खुले में मीट व मछली का बिक्री किया जाता है। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ.एके झा ने बताया जिले में डॉग बाइट का मामला बढ़ता जा रहा है। प्रतिदिन ओपीडी में 10 से 12 नए मामले डॉग बाइट के होते हैं।
वाहन चालक को कुत्ते से परेशानी
शहर के मेहसौल रोड के आसपास मुर्गा के मीट की कई दुकाने सड़क किनारे है। जिस वजह से अक्सर यहां मीट का बेकार भाग खाने के लिए कुत्तों का झूंड मंडराता रहता है। दिन ढ़लते ही सून सान होने पर कुत्ता अक्सर आने जाने वालों पर भौंकने लगता है। इससे बाइक चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। डुमरा रोड में हमेशा डॉग बाइट की घटना घटती रहती है। रात में लोगों कुत्ता का आतंक के शिकार होते है।
सड़क किनारे ही बिकती है मछली
शहर के कारगील चौक पर सड़क किनारे ही मछली की आधे दर्जन से अधिक अस्थायी दुकानें सजती है। नो वेडिंग जोन के बावजूद दुकान लगने के मछली के बचा हुआ बेकार भाग वही पर दुकानदार छोड़ देता है। जिस वजह से उसे खाने के लिए कुत्तों का झूंड वहां मौजूद रहता है। रात नौ बजे के बाद से कुत्तों का झूंड देर रात तक वहां रहता है। मुख्य सड़क होने की वजह से वहां देर रात तक लोग आते-जाते है। उनपर अक्सर आने-जाने वालों पर वह हमलावर होता है। इस दौरान लोगों को अकले सड़क से गुजरना मुश्किल होता है। इससे लोगों की परेशानी बनी रहती है।