प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी से खुद को लगातार अलग बता रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उत्तर प्रदेश की कई लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ने का आफर मिल रहा है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने शनिवार को यहां कहा-यह नीतीश कुमार की इच्छा पर निर्भर है कि अगला लोकसभा चुनाव वे कहां से लड़ना पसंद करेंगे। सच यह है कि यूपी के अलावा देश के कई अन्य राज्यों से भी उन्हें चुनाव लड़ने का आफर लगातार मिल रहा है।
मुख्य लक्ष्य विपक्षी दलों को एक मंच पर लाना’
सिंह ने कहा कि अभी नीतीश कुमार का मुख्य लक्ष्य विपक्षी दलों को एक मंच पर लाकर यह सुनिश्चित करना है कि केंद्र में अगली सरकार गैर भाजपा दलों की बने। लोकसभा चुनाव लड़ने न लड़ने का फैसला पूरी तरह नीतीश कुमार पर निर्भर है। माहौल बन रहा है। हम उम्मीद कर सकते हैं कि देश में गैर भाजपा दलों की सरकार बनाने के लक्ष्य को नीतीश कुमार जरूर हासिल करेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के प्रयागराज की फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना को वे स्वीकार नहीं कर रहे हैं। खारिज भी नहीं कर रहे हैं। सिर्फ फूलपुर ही नहीं, अंबेडकरनगर और मीरजापुर के पार्टी कार्यकर्ता भी चाहते हैं कि नीतीश उनके क्षेत्रों से लोकसभा का चुनाव लड़ें। उन्होंने कहा कि गोलबंदी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के शामिल होने बाद से स्थिति बेहद मजबूत हो गई है।
फूलपुर से चुनाव लड़ने की रणनीति क्या है संकेत
असल में फूलपुर से चुनाव लड़ने की रणनीति का अपना सांकेतिक महत्व है। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के अलावा वीपी सिंह भी लोकसभा में फूलपुर का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। क्षेत्र में कुर्मी जाति के मतदाताओं की संख्या निर्णायक है। वोट के इस समीकरण को जदयू अपने लिए उपयुक्त मान रहा है। खुद नीतीश कुमार भी जदयू की गतिविधियों के सिलसिले में फूलपुर का भ्रमण कर चुके हैं। ललन सिंह ने हाल ही में मिरजापुर का दौरा किया था।