जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने मीडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में साफ कह दिया कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल और उनके कुछ नेताओं के बयान ने मामले को बिगाड़ दिया है.राजीव रंजन ने कहा कि गठबंधन के लिए जिम्मेदार साझीदार दल होते हैं लेकिन साझीदार दल के जिम्मेदार नेता लगातार ज़हर उगल रहे हैं. इसलिए अगर साझीदार दल मल्टीपार्टी डेमोक्रेसी का सम्मान नहीं करे तो परिणाम समझा जा सकता है. जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी जहां जहां कंफर्टेबल हुई है अपने घटक दलों के साथ धोखा करती आई है.
जेडीयू प्रवक्ता ने महाराष्ट्र में शिवसेना , पंजाब में अकाली दल, उड़ीसा में बीजू जनता दल का हवाला देते हुए कहा कि बीजेपी के रवैये से साफ है कि बीजेपी मल्टी पार्टी डेमोक्रेसी में यकीन नहीं रखती है, इसलिए बीजेपी अपने घटक दलों को किनारा करने में जुट जाती है. दरअसल जेडीयू प्रवक्ता ने ये भी कहा कि जब मॉब सड़क पर उग्र प्रदर्शन करती है तो उस पर गोली चला देना ही एकमात्र विकल्प नहीं होता है.बीजेपी ने खुद हरियाणा और मध्य प्रदेश में हिंसक लोगों के खिलाफ ऐसा रास्ता अख्तियार नहीं किया है.
बिहार में राजनीतिक समीकरण बदलना तय क्यों हैं ?
बिहार के प्रशासन ने तमाम लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की है, लेकिन बीजेपी के प्रदेश के बड़े नेताओं ने सीधा नीतीश कुमार पर हमला कर मामला बिगाड़ गिया है. राजीव रंजन कहते हैं कि बीजेपी अब तीनों सेनाओं के प्रमुख से बयान दिलवाकर अग्निपथ योजना को लेकर विरोध करने वालों को देश द्रोही करार देने का प्रयास कर रही है.बीजेपी योजना लाने से पहले लोगों का भरोसा जीतती तो ऐसा हिंसक प्रदर्शन नहीं होता, लेकिन बीजेपी बहुमत पाने के बाद न ही घटक दल से और न ही जनता से संवाद कायम करने में भरोसा रखती है. दरअसल राजीव रंजन नोटबंदी से लेकर जीएसटी समेत कई फैसलों का हवाला दे रहे थे, जहां अचानक लिए गए फैसलों से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
बिहार में सियासी समीकरण कब और कैसे बदलने वाला है ?
बिहार में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो चुकी हैं.पार्टी प्रवक्ता एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने लगे हैं…जेडीयू प्रवक्ता कहते हैं कि अटल आडवाणी की सरकार में घटक दल समन्वय समिति में अपनी बातों को रखा करते थे लेकिन अब की सरकार में घटक दल के पास अपनी बातों को रखने का कई प्लेटफॉर्म नहीं है.राजीव रंजन दुखी मन से कहते हैं कि सरकार के फैसले के खिलाफ कोई भी आवाज उठती है तो बीजेपी उसे देशद्रोह की संज्ञा देकर दबाने का प्रयास करती है. जेडीयू दरअसल बीजेपी द्वारा सीधा नीतीश कुमार पर हमले किए जाने की वजह से बिफर उठी है.
‘तू तू मैं मैं अब जेडीयू को बर्दाश्त नहीं’
तू तू मैं मैं का सिलसिला लगातार चल रहा है. मुंगेर से सांसद राजीव रंजन सिंह के बयान के बाद बीजेपी के प्रवक्ता रामसागर सिंह उन्हें अफसर और अपराधियों का नेता तक कह चुके हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उनके इलाके में दो रेल गाड़ी को लूटे जाने के बाद बीजेपी आक्रामक हो चुकी है.वैसे स्थानीय पुलिस 45 लोगों को नामजद को लखीसराय में 24 को गिरफ्तार कर चुकी है और लूटे गए सामानों को बरामद भी कर लिया है.बीजेपी प्रवक्ता रामसागर सिंह ने कहा कि सरकार की पार्टी के मुखिया के बोलने का प्रशासनिक अधिकारियों पर कैसा असर पड़ता हे,ये शुक्रवार यानी 17 जुलाई की घटना को देखकर समझ लेना चाहिए.दरअसल बिहार बीजेपी उपमुख्यमंत्री समेत बीजेपी नेताओं के घर आगजनी और बीजेपी कार्यालय में पुलिस के सामने तोड़ फोड़ से बौखलाई हुई है.इसलिए बीजेपी ने पूरे देश का हवाला देते हुए जेडीयू को कटघरे में खड़ा किया है.
अग्निपथ योजना पर आरपार की लड़ाई
अग्निपथ योजना की बीजेपी पुरोजर समर्थन की पक्षधर है…बीजेपी अग्नि योजना के विरोधियों को आड़े हाथों लेती हुई कहती है कि विपक्ष पहली बार सेना के फैसले पर सवाल उठा रहा है.विपक्ष कहीं ऐसा कर दुश्मन देशों की मदद तो नहीं कर रहा है. बीजेपी तमाम मीडियम के ज़रिए अग्निपथ योजना की खूबियों को जन जन तक पहुंचाने की योजना तैयार कर चुकी हैं.बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने 19 जून यानी रविवार को इसकी रूपरेखा तैयार कर चुकी है.19 जून की मीटिंग में अयोध्या मसले पर चार सरकार को पूर्व में गंवा चुकी बीजेपी सिद्धांतों के आधार पर राजनीति करने का हवाला दे रही है. बीजेपी भी ये साफ कर देना चाह रही है कि बीजेपी अब अटल आडवाणी की पार्टी न होकर शाह और मोदी की नेतृत्व वाली पार्टी है.