गोरखपुर में फर्जी IAS ललित किशोर उर्फ गौरव के पकड़े जाने के बाद हर दिन उसके नए कारनामे सामने आ रहे हैं। करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी के बाद बिहार मोकामा के ठेकेदार माधव मुकुंद बार-बार गौरव को याद कर खुद को कोसते हैं। माधव का कहना है कि पूरी जिंदगी में ऐसा जालसाज उन्होंने कभी नहीं देखा।
ठेकेदार ने बताया कि बिहार सीतामढ़ी निवासी ललित किशोर को वह गौरव कुमार सिंह के नाम से ही जानते हैं। उन्होंने बताया कि पहली बार सितंबर 2024 में बिहार के अररिया जिले में स्थित एक होटल में गौरव से मुलाकात हुई।
वहां पर कई गाड़ियों से वह आया था। उसके साथ 24 बॉडीगार्ड गन लेकर चल रहे थे। होटल के कमरे से जैसे ही वह बाहर निकलता, सभी एक साथ खड़े होकर जय हिंद सर बोलने लगते। मुझे भी लगा कि कोई बड़ा अधिकारी है। होटल के एक हॉल में मेरे एक परिचित ने गौरव से मुलाकात कराई। होटल में गौरव के पहुंचने के कुछ देर बाद सज-धजकर 20 साल की लड़की आई तो उसने उसे भांजी बताया। उसके साथ रातभर कमरे में रहा।
बोला- मुजफ्फरपुर से छापा मारकर आ रहा हूं ठेकेदार माधव मुकुंद ने बताया- मैंने गौरव को नमस्कार किया। तब उसने अपने बगल की कुर्सी पर बैठने के लिए कहा। इस दौरान वह फोन पर किसी से बात करते हुए बोल रहा था कि मुजफ्फरपुर से छापा मारकर आ रहा हूं। वहां के सभी अधिकारियों को राइट टाइम कर दिया है। कल न्यूज की हेडलाइन में दिखेगा।
ठेकेदार ने कहा कि मुझे यह सब सुनकर बहुत अच्छा लगा। बातचीत के दौरान ही पता चला कि वह IAS अफसर हैं। मैंने भी संपर्क बनाना शुरू किया। उसके रौब को देखकर मुझे पूरा यकीन था कि बहुत बड़ा अधिकारी होगा।
20 साल की लड़की होटल पहुंची, बोला भांजी है रात 9 बजे करीब 20 साल की एक युवती सज-धजकर आई। होटल में सभी लोग उसे देखने लगे। तब गौरव ने बताया कि मेरी बहन की बेटी (भांजी) है। यह कहते हुए उसे अपने कमरे में लेकर चला गया। इसके बाद पूरी रात वह अपने कमरे से बाहर नहीं आया।
सुबह उसके साथ के ही एक गार्ड ने भाभी बोलकर आपस में मजाक किया। गार्ड ने बोला कि भाभी अभी गई कि नहीं। यह कहते ही सब हंसने लगे। तब मुझे भी शक हुआ लेकिन मैंने सोचा कि बड़े अधिकारी हैं, यह सब तो होता रहता होगा।
ठेकेदार माधव मुकुंद ने बताया- IAS से संपर्क बढ़ाने के लिए दो-तीन बार फोन पर बात हुई। तब गौरव ने कहा कि आकर मिलना, बड़ा काम बताता हूं, अभी बिजी हूं। 15 अप्रैल 2025 को मेरी पटना में गौरव से फिर मुलाकात हुई।
गौरव ने उस दिन मुझसे बहुत अच्छे से बात की। काफी देर तक मुझे अपने साथ बिठाकर कामकाज के बारे में पूछा। मैंने बताया कि सरकारी विभागों का टेंडर लेता हूं। निर्माण का काम कराता हूं। तब उसने कहा, कहां छोटे मोटे काम कर रहे हो। चलो तुम्हें केंद्र का 500 करोड़ का बड़ा ठेका दिलाता हूं। इसके बाद मैं उसके साथ लग गया। वह जो कहता था, वो सब करता था।
गोरखपुर में IAS ने घर बुलाया, कई बार मुलाकात हुई गौरव ने अपने गुलरिहा स्थित घर का पता दिया था। वहां कई बार जाकर उससे मिला हूं। गौरव ने 450 करोड़ रुपए का एक ठेका दिलाने के लिए कहा था। उसका एक पेपर भी वॉट्सऐप से मुझे भेजा था। एक अखबार की कटिंग भेजी थी। उसमें भी 450 करोड़ के टेंडर के बारे में विज्ञप्ति दी हुई थी।
मैं अब वह काम लेने के लिए पीछे लग गया। तीन से चार महीने में गौरव ने मुझसे 5 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करा दिए। उसे लग्जरी गाड़ियां भी मैंने दी। लेकिन, धीरे-धीरे उसके कारनामे मेरे सामने आने लगे। मुझे भी पता चल गया कि वह केवल जालसाज है। लोगों से धाेखाधड़ी कर पैसे हड़पता है। कुछ दिन तक वह मेरे पैसे वापस करने के लिए कहता रहा। इसी लालच में मैं शिकायत नहीं कर रहा था।
रेलवे स्टेशन पर पकड़े गए 99.9 लाख रुपए ठेकेदार के थे 7 नवंबर 2025 को रेलवे स्टेशन पर ठेकेदार माधव मुकुंद 99.9 लाख रुपए के साथ पकड़े गए थे। जीआरपी ने पकड़ी गई रकम का हिसाब न दे पाने के कारण 99.9 लाख रुपए जब्त कर लिए थे। ठेकेदार ने बताया कि गौरव को देने के लिए यह पैसे लाया था। जब उसकी जालसाजी के बारे में पता चला तो पैसे वापस लेकर जा रहा था।
ठेकेदार ने बताया कि मेरे ठेके की कमाई है। उसका सारा कागजात मैंने गोरखपुर प्रशासन के पास जमा कर दिया है। पुष्टि के बाद मेरे पैसे मुझे मिल जाएंगे। ठेकेदार ने बताया कि पुलिस की पूछताछ में मैंने गौरव के फर्जीवाड़े के बारे में सारी कहानी बताई थी। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की थी।
लखनऊ में खरीदा फ्लैट, ठेकेदार गाड़ियां वापस ले गया गौरव ने लोगों से ठगे रुपयों से लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार में लगभग 50 लाख रुपए में एक लग्जरी फ्लैट खरीदा था। लग्जरी गाड़ियां, ड्राइवर और प्राइवेट गार्ड, ठेकेदार माधव मुकुंद ने उपलब्ध कराए थे। जैसे ही गौरव के फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ होना शुरू हुआ, माधव मुकुंद लग्जरी गाड़ियां वापस लेकर चले गए।
जांच अधिकारियों के अनुसार, गौरव ने अपनी लाइफस्टाइल इतनी चमकदार बना रखी थी कि कोई भी उसे IAS अधिकारी मानने में देर नहीं करता था। कीमती ब्रांडेड कपड़े, आईफोन, दो-दो लग्जरी गाड़ियां, प्राइवेट गार्ड, महंगे होटलों में मीटिंग और लगातार सफर सब कुछ उसके व्यक्तित्व के इर्द-गिर्द एक बड़ा झूठ खड़ा करता था। उसकी सोशल मीडिया प्रोफाइल में भी खुद को 2022 बैच का IAS बताते हुए सरकारी मीटिंग, योजनाओं और फाइलों की तस्वीरें पोस्ट की जाती थीं।
प्रेमिका ने पुलिस से संपर्क किया था पुलिस की जांच में एक और पर्दाफाश हुआ है। गौरव की गिरफ्तारी के लिए जब टीम सक्रिय हुई, उसी दौरान शहर में रहने वाली उसकी कथित प्रेमिका ने पुलिस से संपर्क किया। युवती ने बताया कि गौरव उससे लगातार संपर्क में था। उसकी वास्तविक लोकेशन लखनऊ के एक लग्जरी होटल में थी।
युवती के बयान के आधार पर पुलिस ने गौरव की गतिविधियों का खाका तैयार किया। कॉल डिटेल, मोबाइल लोकेशन और सोशल मीडिया चैट की मदद से पुलिस ने उसके लखनऊ के आलमबाग में छिपे रहने की पुष्टि की। इसके बाद गोरखपुर आते ही उसे दबोच लिया
जांच में कई ठिकाने और संपत्तियां आ सकती हैं सामने
पुलिस अब गौरव की अवैध संपत्ति, बैंक खातों और उन लोगों की सूची खंगाल रही है, जिनसे उसने सरकारी नौकरी, ट्रांसफर, ठेका और योजना स्वीकृत कराने के नाम पर रुपए ऐंठे। प्रारंभिक जांच में लखनऊ का 50 लाख का फ्लैट, बिहार में दो संपत्तियां और लखनऊ, गोरखपुर और बिहार में कई बैंक खातों के लेन-देन की जानकारी पुलिस को मिल चुकी है। पुलिस अब उसके बैंक खातों का विवरण निकालने के लिए संबंधित बैंकों से पत्राचार कर रही।
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि गौरव के पास से लेटरपैड और कई मोबाइल नंबर मिले हैं। जिनकी कॉल डिटेल निकलवाई जा रही। मोबाइल से ही गर्लफ्रेंड की बात भी सामने आई है। उनका भी बयान लिया जाएगा।
गोरखपुर में फर्जी IAS गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर पकड़ा गया। वो सिर्फ IAS प्रोटोकॉल मेनटेन करके लिए हर महीने 5 लाख रुपए खर्च कर रहा था। 10-15 लोगों की टीम उसके आगे-पीछे चलती थी। सफेद इनोवा पर लाल-नीली बत्तियां लगाकर वह गांवों का दौरा करता था।
फर्जी IAS बनकर गौरव कुमार सिंह के कारनामे-
- बिहार के भागलपुर गांव में दौरा करने पहुंचा। यहां उसको असली SDM मिल गए। उन्होंने रैंक और बेच को लेकर कुछ सवाल किए। गौरव ने उन्हें 2 थप्पड़ मारे थे।
- गौरव IAS प्रोटोकॉल बनाए रखने के लिए हर महीने 5 लाख रुपए खर्च कर रहा था। वह जब भी कहीं जाता था, उसके आगे-पीछे 10 से 15 लोग रहते थे। कुछ सुरक्षा में, कुछ सरकारी दिखने वाली फाइलें हाथ में लेकर लोगों के बीच माहौल बनाते थे।
- गोरखपुर के गुलरिहा इलाके के भटहट में स्थित एक सरकारी स्कूल में भी गौरव निरीक्षण करने पहुंचा था। किसी टीचर को शक भी हुआ था। बातचीत के दौरान ही कुछ सवाल पूछे थे। तब गौरव ने टीचर से कहा था कि केंद्र सरकार ने उसे स्पेशली सरकारी विभागों, स्कूलों की जांच करने के लिए भेजा है। गोरखपुर समेत 18 जिले में निरीक्षण करके रिपोर्ट तैयारी करनी है।
बिहार के ठेकेदार से लिए 5 करोड़, दिखाता था भौकाल पुलिस को पूछताछ में पता चला कि बिहार के पटना मोकामा में रहने वाले माधव ठेकेदारी करते हैं। पटना में उनकी पहचान बड़े ठेकेदार के रूप में हैं। वह भी फर्जी IAS गौरव के चक्कर में फंस गए। माधव ने बताया-
2 साल पहले गौरव से पटना में मुलाकात हुई थी। IAS अधिकारी जानकर मैंने भी परिचय किया। इसके बाद हमारी 2 से 3 बार बात हुई। इस दौरान गौरव ने मुझे 450 करोड़ का टेंडर दिलाने का वादा किया। इसके बदले में प्रोसेसिंग फीस के नाम पर वह मुझसे 5 करोड़ से ज्यादा रकम खर्च करा चुका है।
मैंने उसे दो लग्जरी गाड़ी और ज्वेलरी भी खरीदकर दी थी। उसी गाड़ी से वह भौकाल बनाता था। 10 गनर रखे थे। उनके ऊपर भी मेरे पैसे खर्च हुए थे। उसमें कुछ सरकारी दस्तावेज भी भेजे थे, जो बिल्कुल ओरिजिनल लग रहे थे। बाद में मुझे पता चला कि ये सारे डॉक्यूमेंट फर्जी हैं।

