सीतामढ़ी, कभी मुजफ्फरपुर उत्तर-पश्चिम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा हुआ करता था। 1953 में क्षेत्र के पहले सांसद ठाकुर युगल किशोर सिन्हा बने। 1957 में सीतामढ़ी और पुपरी दो अलग-अलग संसदीय क्षेत्र बना। इसके बाद 1977 में परिसीमन बदला और पुपरी की जगह शिवहर संसदीय क्षेत्र बना। पुपरी को सीतामढ़ी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में शामिल किया गया। माता जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र शुरुआती दौर से समाजवादियों का गढ़ रहा है। 1952 के पहले चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (प्रसोपा) के टिकट पर आचार्य जेबी कृपलानी ने यहां से जीत दर्ज की।
सीतामढ़ी से भाजपा की अब तक उम्मीदवारी नहीं
सीतामढ़ी संसदीय लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से अब तक भाजपा से किसी की उम्मीदवारी नहीं हुई है। राजद की टिकट से सीताराम यादव ने दो बार जीत दर्ज की है। एनडीए की ओर से 2014 में रालोसपा के टिकट पर रामकुमार शर्मा, 2019 में जदयू के सुनील कुमार पिंटू विजयी हुए थे। वहीं जदयू के टिकट पर डॉ. अर्जुन राय, भालोद से श्याम सुंदर दास, प्रसोपा से आचार्य जेबी कृपलानी ने अपनी जीत हासिल कर चुके है।सीतामढ़ी, कभी मुजफ्फरपुर उत्तर-पश्चिम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा हुआ करता था। 1953 में क्षेत्र के पहले सांसद ठाकुर युगल किशोर सिन्हा बने। 1957 में सीतामढ़ी और पुपरी दो अलग-अलग संसदीय क्षेत्र बना। इसके बाद 1977 में परिसीमन बदला और पुपरी की जगह शिवहर संसदीय क्षेत्र बना। पुपरी को सीतामढ़ी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में शामिल किया गया। माता जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र शुरुआती दौर से समाजवादियों का गढ़ रहा है। 1952 के पहले चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (प्रसोपा) के टिकट पर आचार्य जेबी कृपलानी ने यहां से जीत दर्ज की।
सीतामढ़ी से भाजपा की अब तक उम्मीदवारी नहीं
सीतामढ़ी संसदीय लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से अब तक भाजपा से किसी की उम्मीदवारी नहीं हुई है। राजद की टिकट से सीताराम यादव ने दो बार जीत दर्ज की है। एनडीए की ओर से 2014 में रालोसपा के टिकट पर रामकुमार शर्मा, 2019 में जदयू के सुनील कुमार पिंटू विजयी हुए थे। वहीं जदयू के टिकट पर डॉ. अर्जुन राय, भालोद से श्याम सुंदर दास, प्रसोपा से आचार्य जेबी कृपलानी ने अपनी जीत हासिल कर चुके है।विस क्षेत्र-बथनाहा, परिहार, सुरसंड, बाजपट्टी, सीतामढ़ी व रुन्नीसैदपुर
सीतामढ़ी, बथनाहा व परिहार विधानसभा पर भाजपा का तो सुरसंड व रुन्नीसैदपुर विधानसभा पर जदयू का कब्जा है। जबकि बाजपट्टी विधानसभा पर राजद का कब्जा है। यहां कुल मतदान केंद्रों की संख्या 1932 है। जबकि मतदाताओं की संख्या 1936193 है।