सीतामढ़ी पुलिस ने सोमवार को प्रखंड कार्यालय से बीपीआरओ ज्ञानेंद्र कुमार झा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बीपीआरओ पर सरकारी राशि गबन का आरोप है। मालूम हो कि डीएम के निर्देश के बाद बीडीओ आलोक कुमार ने 24 फरवरी 2025 को बीपीआरओ एवं प्रमुख अर्चना कुमारी समेत आठ लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराया था। इस मामले में यह पहली गिरफ्तारी है।
जिन लोगों के विरुद्ध प्राथमिक दर्ज कराई गई थी, उनमें प्रमुख एवं बीपीआरओ के अलावा भेड़रहिया व बथुआरा पंचायत के पंचायत सचिव मनोज कुमार, बेतहा के पंचायत सचिव वेद प्रकाश राय व सुतिहारा पंचायत के पंचायत सचिव हंस लाल कुमार, भेड़रहिया के तत्कालीन तकनीकी सहायक कुणाल किशोर, बथुआरा के तत्कालीन तकनीकी सहायक मंटू कुमार एवं बेतहा व सुतिहारा के तत्कालीन तकनीकी सहायक जौहर अली के नाम शामिल हैं।
ससमय पंचायत समिति की बैठक आयोजित नहीं हुई। बैठक पंजी को बैठक के बाद भी बंद नहीं किया जाता रहा।
इतना ही नहीं आयोजित बैठक के प्रस्ताव पंजी के साथ छेड़छाड़ कर मनमाने तरीके से योजनाओं का चयन व वितरण किया गया। भेड़रहिया पंचायत के भगवतीपुर से साकिर के खेत तक नाला उड़ाही का कार्य पूर्व में हुआ था। लेकिन 15वीं वित्त से करीब 10 लाख चालीस हजार रुपये का निकासी कर गबन किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि कार्य में मशीन का उपयोग किया गया। बथुआरा पंचायत के मुजौलिया गांव में सरकारी तालाब के बजाय प्रमुख अर्चना कुमारी के निजी तालाब के घाट का निर्माण कार्य कराया गया। इसमें 5 लाख 57 हजार से अधिक की निकासी की जा चुकी है।
मालूम हो कि उप प्रमुख मोहम्मद रफी हैदर उर्फ छोटे – बाबू द्वारा पंचायत स्तरीय योजनाओं में राशि के गबन से संबंधित परिवाद दायर – किया गया था। जांच में अनियमितता पाई गई थी।मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम रिची पांडेय ने बीडीओ को 20 जनवरी 2025 को योजनाओं में पाई गई अनियमितता की विवरणी उपलब्ध कराते हुए दोषी कर्मियों एवं जनप्रतिनिधियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध आरोप पत्र गठित करने के अलावा कठोर अनुशासनिक कार्रवाई करने एवं उनसे गबन की गई राशि की वसूली करने का निर्देश दिया था।
थानाध्यक्ष सुमित कुमार ने बताया कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
बीपीआरओ की गिरफ्तारी के बाद इलाके में चर्चाएं तेज हो गई हैं। स्थानीय लोग इसे प्रशासन की सख्ती का संकेत मान रहे हैं। यह मामला पिछले छह महीने से लंबित था।
