सीतामढी:गर्मी की छुट्टियों का उपयोग करने के लिए बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने समर कैंप लगाने का फैसला लिया था. शिक्षा विभाग की यह नई पहल है. इसके तहत गर्मी की छुट्टी के दौरान बच्चों को डेढ़ घंटे तक प्रतिदिन पढ़ाया गया.
इससे पहले 2008 में भी इस तरह की पहल की गई थी, लेकिन उसके बाद वह आगे नहीं बढ़ पाया. इस बार पूरे बिहार में समर कैंप आयोजन किया गया. जंग बहादुर ने बताया कि इसके लिए 150 से ज्यादा वॉलिंटियर ने अपना योगदान दीया एवं बच्चों को पढ़ाया और खेल करवाया।
शैक्षणिक सत्र 2023-24 में मध्य विद्यालयों में कक्षा 6 एवं 7 में अध्ययनरत वैसे विद्यार्थी जो अपने बुनियादी पढ़ने एवं सरल गणित करने की दक्षता में अपेक्षाकृत रूप से कमजोर हैं, उनके लिए प्रथम संस्था के सहयोग से समर कैंप का आयोजन ग्रीष्मावकाश में करने का निर्णय लिया गया। समर कैंप का आयोजन गांव-टोला स्तर पर 1 जून से 30 जून तक आयोजित । कैंप में चिह्नित विद्यार्थियों को प्रथम संस्था द्वारा प्रशिक्षित वॉलंटियर के माध्यम से प्रतिदिन डेढ़-दो घंटा का विशेष शिक्षा प्रदान किया गया। प्रत्येक कैम्प में 10-15 विद्यार्थी शामिल हुए।
कक्षा 6 और 7 के लिए विशेष आयोजनः इस समर कैम्प में बच्चों के लिए अलग अलग गतिविधियां हुई. बच्चों को इनके बारे में जानकारी दी गई . इस समर कैंप का उद्देश्य बच्चों के बुनियादी कौशल को बेहतर बनाना, बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाना, बच्चों के सर्व पक्षीय विकास को बढ़ावा देना, उनकी छुपी हुई प्रतिभा को निखारना।
हर दिन दो घंटे बच्चों को मिली विशेष शिक्षाः बच्चों की इस सहभागिता से परिवार, समाज और प्रदेश के सार्वभौमिक विकास में अतुलनीय योगदान होगा. आयोजन में प्रथम संस्था के सहयोग से प्रशिक्षित वालंटियर के द्वारा हर रोज एक से दो घंटे की विशेष शिक्षा प्रदान की गई . छात्र-छात्राओं को इस समर कैंप के लिए चयन निर्धारित मापदंड के अनुसार सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के द्वारा किया गया . यह समर कैंप कई मायने में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उपयोगी साबित होगी।
समर कैंप के समापन पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समर कैंप के जिला समन्वयक जंग बहादुर ने बताया कि शिक्षा विभाग के निर्देश पर सीतामढी जिले में कक्षा छः तथा सात के बच्चों के मध्य पढ़ने-लिखने और बुनियादी गणित की क्षमता में वृद्धि हेतु विद्यालय के ग्रीष्मावकाश में समर कैंप का संचालन किया गया।