बिहार की हाई प्रोफाइल मोकामा विधानसभा सीट हमेशा चर्चा में बनी रहती है। वजह है ‘छोटे सरकार’। जी हां हम बात कर रहे हैं अनंत सिंह की। बाहुबली और JDU उम्मीदवार अनंत सिंह इस समय पटना के बेउर सेंट्रल जेल में बंद हैं। उन्होंने इस बार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की RJD प्रत्याशी वीणा देवी को करारी मात दी। सवाल यह है कि जेल में बंद विधायक नए सरकार में शपथ कैसे लेंगे? आइए जानते हैं कि संविधान और विधानसभा का नियम क्या कहता है।
बिहार विधानसभा चुनाव में मोकामा सीट से सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वाले बाहुबली और JDU उम्मीदवार अनंत सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। दुलारचंद यादव की हत्या के आरोपों में भले ही अनंत सिंह जेल में बंद हैं, मगर उनका दबादबा बाहर कायम है। यही वजह रही है कि चुनाव में उन्होंने RJD प्रत्याशी वीणा देवी को 28,117 वोटों के भारी अंतर से हराया। अब सवाल ये है कि जेल में बंद अनंत सिंह नए सदन में अब विधायक पद की शपथ कैसे लेंगे?
ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं अनंत सिंह
बाहुबली अनंत सिंह पर जन सुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या का आरोप है। बता दें कि यह मामला अभी जांच के दायरे में है और पुलिस ने अब तक चार्जशीट दाखिल नहीं की है। इसलिए वे सजायाफ्ता कैदी नहीं, बल्कि ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं। अब जानते हैं संविधान और विधानसभा के नियम के अनुसार, कोई भी जेल में बंद विधायक नई सरकार में शपथ कैसे ले सकते हैं और अगर शपथ ग्रहण नहीं किया तो क्या उसकी विधायकी चली जाएगी?
संविधान और विधानसभा का नियम क्या कहता है?
भारतीय संविधान की तीसरी अनुसूची और बिहार विधानसभा के नियमों के अनुसार नव-निर्वाचित विधायक को शपथ लेने की कोई निश्चित समय-सीमा नहीं है। हालांकि, अगर कोई विधायक लगातार छह महीने तक सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होता या शपथ नहीं लेता, तो उसकी सदस्यता स्वतः रद्द हो जाती है। इसके अलावा, चार्जशीट दायर करने के बाद अगर उनके खिलाफ आरोप तय हो जाते हैं और उन्हें 1 साल से अधिक कारावास की सजा होती है, तो उनकी विधायकी अयोग्य हो जाएगी।
इससे पहले 2020 में भी अनंत सिंह जेल में रहते हुए मोकामा से विधायक चुने गए थे। उस समय भी उन्होंने जेल से ही शपथ ली थी। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि शपथ के लिए अनंत सिंह को कोर्ट से विशेष अनुमति लेकर कुछ घंटों के लिए जेल से बाहर लाया जा सकता है या फिर विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति से जेल परिसर में ही शपथ कराई जा सकती है।
अनंत सिंह के नाम ये रिकॉर्ड
इधर, मोकामा में अनंत सिंह के समर्थकों को जोश सातवें आसमान पर है। पटना से लेकर मोकामा तक उनके समर्थकों ने पोस्टर लगाया है, जिसमें स्लोगन लिखा है जेल का फाटक टूटेगा, अनंत भैया छूटेगा। बिहार की राजनीति में अनंत सिंह एकमात्र ऐसे नेता हैं जो दो बार (2020 और 2025) जेल में रहते हुए भारी मतों से विधायक चुने गए। अब सभी की नजर इस पर टिकी है कि नए विधानसभा सत्र में बाहुबली अनंत सिंह शपथ लेने कब और कैसे आते हैं।

