आज 14 जनवरी को लोहड़ी का त्योहार मनाया जा रहा है. लोहड़ी का त्योहार खासतौर पर पंजाब और हरियाणा में मनाया जाने वाला त्योहार है, लेकिन आजकल देश के हर कोने में किसान भाई लोहड़ी को बड़े धूम-धाम से मनाने लगे हैं. लोहड़ी के त्योहार को पूरे भारत में अलग-अलग नाम से पुकारा जाता है. यह पर्व फसल की पहली कटाई की खुशी में मनाया जाता है. इस रात लोहड़ी जलाई जाती है और आग में मूंगफली, रेवड़ी, पॉपकॉर्न डाला जाता है. जब आग जल रही होती है, तब लोग अग्निदेव की पूजा करते हैं और जल रही लोहड़ी की परिक्रमा करते हैं. लोहड़ी में कई परम्पराएं हैं, जो प्राचीन समय से अब तक चली आ रही हैं. सिख धर्म को मानने वाले नर्मदापुरम निवासी अभिनव पंजाबी बता रहे हैं कि लोहड़ी की पूजा कैसे होती है.
लोहड़ी पूजा मुहूर्त 2023 आज 14 जनवरी को लोहड़ी पूजा का समय रात 08 बजकर 57 मिनट पर है. इस समय पर आग जलाकर विधिपूर्वक लोहड़ी की पूजा की जाएगी.
लोहड़ी 2023 पूजा विधि इस त्योहार में मूंगफली, रेवड़ी खाने, खिलाने और लोगों को प्रसाद देने की परम्परा है. लोहड़ी को किसानों के प्रमुख पर्व के रूप में शुमार किया जाता है. यह त्योहार मुख्य रूप से नई फसल लगाने और पुरानी फसल काटने पर मनाया जाता है. इस पर्व में किसान अग्नि देव को प्रसन्न करने और उनका आभार व्यक्त करने के लिए लोहड़ी जलाते हैं. उसमें मूंगफली और रेवड़ी डालते है. साथ ही साथ उसकी परिक्रमा भी करते हैं. इस त्योहार में शाम के वक्त लोहड़ी जलाने और नाच-गाने की परम्परा भी है. मान्यता है कि ऐसा करने से दुखों का अंत होता है. परिवार में सुख-समृद्धि और खुशियां आती हैं.
शुभ होता है गजक और रेवड़ी चढ़ाना लोहड़ी की अग्नि में गजक और रेवड़ी चढ़ाना शुभ माना जाता है. इस त्योहार को होलिका की तरह उपलों और लकड़ियों के ढेर से बनाया जाता है. माताएं अपने छोटे बच्चों को गोद में लेकर लोहड़ी की आग से तापती हैं. ऐसा माना जाता है कि इससे बच्चा स्वस्थ रहता है और उसे बुरी नजर नहीं लगती. इसके अलावा लोग नई फसलों को लोहड़ी की आग में अर्पित करते हैं क्योंकि इस समय नई फसलें कटकर घर आने लगती हैं.
लोहड़ी जलाने के पीछे मान्यता
पंजाब के किसानों की मान्यता है कि लोहड़ी जलाने से सभी लोगों को अन्न की प्राप्ति होती है और धरती पर कोई भूखा नहीं रहता है. लोग इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन पुरुष भांगड़ा और महिलाएं गिद्दा करती हैं. सभी लोग सांस्कृतिक गीत गाकर त्योहार मनाते है और एक दूसरे को लोहड़ी की बधाइयां देते हैं.