ओडिशा के बालासोर स्थित बहनागा रेल दुर्घटना में बिहार के जो लोग लापता हैं उनकी मदद के लिए राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग के दो अधिकारियों को पुन: भुवनेश्वर भेजने का निर्णय लिया है।ये अधिकारी उन लोगों की सहायता करेंगे, जिन्होंने अपने लापता स्वजन की पहचान के लिए डीएनए जांच कराई और रिपोर्ट की प्रतीक्षा में भुवनेश्वर में हैं।
वहीं मुख्यमंत्री ने गुरुवार को यह निर्देश दिया कि ओडिशा रेल दुर्घटना में बिहार के जिन लोगों की मौत हुई है उनके स्वजन को दो-दो लाख रुपये अनुग्रह अनुदान के रूप में दिए जाएंगे। वहीं गंभीर रूप से घायलों को पचास-पचास हजार रुपये दिए जाएंगे। यह राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जाएगी।ओडिशा रेल दुर्घटना में बिहार के यात्रियों कि मदद पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार के चार अधिकारियों की एक टीम को पूर्व में वहां भेजी थी। इस टीम ने रेलवे, ओडिशा सरकार व जिला प्रशासन के साथ समन्वय किया। रेल दुर्घटना में घायल हुए बिहार के यात्रियों से मुलाकात की।
उनके बेहतर इलाज के लिए जिला प्रशासन व अस्पताल प्रशासन के साथ समन्वय किया। रेल दुर्घटना में बिहार के जो लोग मारे गए उनके शव को बिहार वापस लाने में उनके स्वजन की मदद की गई। मृत व्यक्तियों की पहचान के लिए उनके परिजन की डीएनए सैंपलिंग करने में एम्स भुवनेश्वर तथा ओडिशा सरकार के साथ समन्वय किया।वर्तमान स्थति यह है कि बिहार के तीस यात्रियों का ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। लापता यात्रियों के परिजन डीएनए जांच के लिए अपना सैंपल देने के बाद रिपोर्ट के लिए भुवनेश्वर में रह रहे हैं।
जिन घायलों का इलाज ओडिशा में हो रहा है, उनमें कई धीरे-धीरे स्वस्थ होकर लौट भी रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल व आगे के इलाज के लिए जिले के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को प्राधिकृत किया है।सभी घायल व्यक्तियों के घर चिकित्सा पदाधिकारी व स्वास्थ्य कर्मियों की एक टीम भेजकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली जाएगी। आवश्यकता के हिसाब से उनके आगे के इलाज की व्यवस्था की जाएगी।