बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को करारा झटका लगा है। पार्टी के तीन प्रमुख नेताओं ने संगठन को अलविदा कहकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। LJP (रामविलास) के पूर्व विधायक और राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अच्युतानंद, प्रदेश महासचिव नवल किशोर सिंह और अमरेंद्र कुमार चौधरी ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल होकर राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है।
पटना के सदाकत आश्रम में बिहार प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने इन नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर कांग्रेस की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया गया, “बढ़ रहा है कारवां, बड़ा हो रहा है कांग्रेस का परिवार।” प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने इसे बिहार की राजनीति में बदलाव की दिशा में एक अहम कदम बताया।
के उत्थान के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से राज्य के विकास की वास्तविक संभावना है और इस पार्टी से जुड़कर उन्हें आत्मसंतुष्टि की अनुभूति हो रही है।
तीनों नेताओं के कांग्रेस में आने से जहां LJP (रामविलास) की सियासी जमीन कमजोर होती दिख रही है, वहीं कांग्रेस इसे अपनी ताकत में इजाफा मान रही है। चुनाव से ठीक पहले हुए इस घटनाक्रम को राजनीतिक विश्लेषक बिहार की बदलती हवा का संकेत मान रहे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं चिराग
ये पाला बदली का काम ऐसे समय हुआ है, जब चिराग पासवान ‘बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट’ के नारे के साथ राज्य में अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने में जुटे हैं।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने रविवार को कहा कि वह बिहार के हित में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। साथ ही आरोप लगाया कि विरोधी उनके रास्ते में रोड़ा अटकाने की कोशिश कर रहे हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के राजगीर में रैली में ये बात कही।
हाजीपुर के सांसद ने लोगों से विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (INDIA गठबंधन) के ‘झूठे नैरेटिव’ के प्रति सचेत रहने का आग्रह किया।
पासवान ने कहा, ‘‘कई लोग इस बात से घबराए हुए हैं कि मैं बिहार आना चाहता हूं। वे जानना चाहते हैं कि क्या मैं यहां चुनाव लड़ूंगा। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं बिहार के लिए विधानसभा चुनाव लड़ना चाहता हूं। ताकि ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का मेरा सपना साकार हो सके।’’
