बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान में अब बस कुछ दिन बचे हुए हैं. महागठबंधन ने मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. इस घोषणापत्र के जारी होते ही सत्तारूढ़ एनडीए महागठबंधन पर हमलावर हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला बोला है.
मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि आजकल कुछ लोग युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार के नाम पर गुमराह कर रहे हैं. जब 15 साल तक उनकी सरकार थी, तब उन्होंने युवाओं के लिए कुछ नहीं किया और सिर्फ राज्य के खजाने को लूटने में लगे रहे.
जेडीयू ने भी तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि अब वो पार्टी और परिवार दोनों में ‘एकोऽहम् द्वितीयो नास्ति’ की स्थिति में पहुंच चुके हैं. पार्टी ने तंज कसा कि जो तेजस्वी कभी लालू यादव के नाम पर राजनीति करते थे, अब उनके पोस्टरों में लालू की तस्वीरें भी गायब हो गई हैं.
बीजेपी नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने महागठबंधन के घोषणापत्र पर कहा कि ये सिर्फ वादों का पुलिंदा है. इसमें यह नहीं बताया गया कि पैसा कहां से आएगा, बजट कैसे बनेगा और योजनाएं कैसे लागू होंगी. उन्होंने कहा कि लोगों को लालू यादव के शासन की अराजकता याद दिलानी होगी.
घोषणापत्र पर सियासत गरमाई
महागठबंधन के घोषणापत्र के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है. एक तरफ तेजस्वी यादव नौकरी और रोजगार को बड़ा मुद्दा बना रहे हैं, तो दूसरी ओर नीतीश कुमार और बीजेपी इसे सिर्फ “जुमलों का खेल” बता रहे हैं. अब देखना यह है कि जनता किसकी बातों पर भरोसा करती है.

