आरजेडी विधायक और शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान क्या दिया बिहार का सियासी पारा चरम पर पहुंच गया। बीजेपी के साथ साथ अब जेडीयू भी रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताने वाले मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ मजबूती के साथ खड़ी हो गई है। रामचरितमानस के विवाद को लेकर जेडीयू और आरजेडी नेता आमने सामने आ गए हैं। एक तरफ जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने पटना के राजवंशीनगर स्थित हनुमान मंदिर में मानस पाठ शुरू कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने खुले तौर पर कह दिया है कि आरजेडी के नेता बीजेपी को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। सुधाकर सिंह और प्रो. चंद्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई नहीं होना इस बात को साबित करता है।
उपेंद्र कुशवाहा ने खुले तौर पर कहा कि आरजेडी के लोग बीजेपी को फायदा पहुंचा रहे हैं। रामचरितमानस के विषय पर बात करने का मतलब है कि आरजेडी फिल्ड में जाकर बीजेपी की पीच पर खेल रही है और उसे फायदा पहुंचा रही है। बीजेपी को फायदा पहुंचाने के मकसद से आरजेडी के लोग काम कर रहे हैं। कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी यादव ने खुद कहा है कि सुधाकर सिंह का बयान बीजेपी के अनुकूल है। सुधाकर सिंह बोलें या शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखऱ बोलें, इसपर राष्ट्रीय जनता दल को कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे नेताओं पर कार्रवाई नहीं होना सबसे दुख की बात है।
कुशवाहा ने कहा कि यह सिर्फ सुधाकर सिंह और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का मामला नहीं है बल्कि राष्ट्रीय जनता दल के शीर्ष नेतृत्व का मामला है। सभी को मालूम है कि आरजेडी के नेताओं समेत उसके शीर्ष नेता लगातार बीजेपी को फायदा पहुंचाने का काम कर रहे हैं। तेजस्वी के पार्टी के लोग लगातार गलत बयानबाजी कर रहे हैं यह जानते हुए भी वे चुप हैं। लोगों के बीच आशंका है कि आरजेडी किसी न किसी मामले में बीजेपी से दबकर काम कर रही है ताकि कुछ मामलों में केंद्र सरकार से उन्हें मदद मिल जाए। आरजेडी नेतृत्व के मौन रहने से ऐसी आशंकाओं को तो बल मिल ही रहा है। जितनी जल्दी ऐसे नेताओं पर कार्रवाई हो तो ऐसी आशंकाएं खारिज हो जाएंगी।