दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण के स्तर में थोड़ा सुधार हुआ है. राष्ट्रीय राजधानी की एयर क्वालिटी कुछ बेहतर होते ही कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CQAM) ने शनिवार को ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) ग्रैप-4 की पाबंदियों को हटा दिया है. हालांकि, अभी GRAP-3 के तहत आने वाली सभी पाबंदियां बरकरार रहेंगी. बीएस-3 और 4 इंजन वाले वाहनों को अभी भी छूट नहीं मिली है. जबकि दिल्ली में सोमवार यानी 20 नवंबर से सभी स्कूल खुल जाएंगे.
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि दिल्ली के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में सोमवार, 20 नवंबर से प्राइमरी से बारहवीं तक की कक्षाएं फिर से शुरू होंगी. हालांकि, इस आदेश के जारी होने से अगले एक सप्ताह तक आउटडोर खेल गतिविधियां और सुबह की सभाएं आयोजित नहीं की जाएंगी
CAQM के मुताबिक, GRAP को चार कैटेगरी में लागू किया जाता है.
- स्टेज 1-AQI का स्तर 201 से 300 के बीच
- स्टेज 2-AQI का स्तर 301 से 400 के बीच
- स्टेज 3-AQI का स्तर 401 से 450 के बीच
- स्टेज 4-AQI का स्तर 450 के ऊपर
GRAP-4 हटने से इन पाबंदियों से राहत
- दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजह से बंद स्कूल और कॉलेज खुल सकेंगे.
- कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन एक्टिविटी हो सकेंगी. हाइवे, रोड, फ्लाइओवर, ओवरब्रिज, पाइपलाइन, पावर से जुड़े सरकारी प्रोजेक्ट पर काम हो सकेगा.
- दिल्ली में रजिस्टर्ड मीडियम और हेवी गुड व्हीकल्स चल सकेंगे.
- जरूरी सामान से जुड़े ट्रकों, LNG/CNG और इलेक्ट्रिक ट्रकों के साथ अन्य ट्रक भी अब चल सकेंगे.
बता दें कि दिल्ली की हवा में घुले जहर और बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते शिक्षा विभाग ने एक सप्ताह की छुट्टियां कर दी थीं. वहीं, दिल्ली सरकार ने समय से पहले ही कक्षा 12वीं तक के सभी स्कूलों में 9 से 18 नवंबर तक विंटर वेकेशन घोषित किया था. अब दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स ‘गंभीर’ से घटकर ‘बेहद खराब’ कैटेगरी में आने के बाद सोमवार (20 नवंबर) से स्कूलों को फिर से खोलने का आदेश जारी कर दिया गया है.
गौरतलब है कि GRAP लागू होने पर सीएक्यूएम 500 वर्ग मीटर के बराबर या उससे अधिक आकार के भूखंडों पर निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर रोक लगाने के निर्देश देता है. जिसमें GRAP I,II और III के तहत ये पाबंदियां अभी बरकरार रहेंगी.
स्टेज 1 के तहत रहेंगी ये पाबंदियां
– कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन से निकलने वाली धूल और मलबे के प्रबंधन को लेकर निर्देश लागू रहेंगे.
– खुले में कचरा जलाने पर प्रतिबंध रहेगा. ऐसा करने पर जुर्माना वसूला जाएगा.
– PUC के नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा. गाड़ियां बिना PUC के नहीं चलेंगी.
– – सड़कों पर जमी धूल को उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जाएगा.
स्टेज 2 के तहत ये पाबंदियां
– हर दिन सड़कों की सफाई होगी. जबकि, हर दूसरे दिन पानी का छिड़काव किया जाएगा.
– होटल या रेस्टोरेंट में कोयले या तंदूर का इस्तेमाल नहीं होगा.
– अस्पतालों, रेल सर्विस, मेट्रो सर्विस जैसी जगहों को छोड़कर कहीं और डीजल जनरेटर का इस्तेमाल नहीं होगा.
– लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें, इसके लिए पार्किंग फीस अधिक रहेगी.
– इलेक्ट्रिक या CNG बसें और मेट्रो सर्विस के फेरों में बढ़ातरी
स्टेज 3 के तहत ये पाबंदियां
– हर दिन सड़कों की सफाई होगी. साथ ही पानी का छिड़काव भी होगा.
– ईंधन पर नहीं चलने वालीं इंडस्ट्रियां भी बंद रहेंगी. मिल्क-डेरी यूनिट और दवा और मेडिसिन बनाने वाली इंडस्ट्रियों-फैक्ट्रियों को छूट रहेगी.
– दिल्ली-एनसीआर में स्टोन क्रशर और ईंट भट्टियों का काम अभी बंद रहेगा.
हालांकि, अभी भी बहुत खराब (Very Poor) श्रेणी में ही बनी हुई है. मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से बदली हवाओं की दिशा ने प्रदूषण की ‘गंभीर’ स्थिति से थोड़ी राहत जरूर दिलाई है. हवाओं की दिशा में बदलाव से पराली का धुआं अब दिल्ली-एनसीआर की ओर नहीं आ रहा है. साथ ही हवा की गति भी बीते दिनों की तुलना में बढ़ी है. यही वजह है कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति में सुधार हुआ है.