बिहार चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद बीजेपी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को प्रमोशन देते हुए नीतीश सरकार में मंत्री बना दिया है. दिलीप जायसवाल ने भी बतौर उद्योग मंत्री का कार्यभार संभाल लिया है. पदभार संभालने के साथ ही दिलीप जायसवाल ने कहा कि उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती प्रदेश से पलायन को रोकना है. उन्होंने कहा कि बिहार से पलायन रोका जाएगा और रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग राज्य में पलायन को रोकने की दिशा में काम करेगा. दिलीप जायसवाल अपने वादे में कितना कामयाब हो पाते हैं, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन उनके मंत्री से बिहार बीजेपी में नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश शुरू हो गई है.
सियासी गलियारों में चर्चा है कि पार्टी में ‘एक नेता एक पद’ सिद्धांत के तहत दिलीप जायसवाल के उत्तराधिकारी की तलाश शुरू हो गई है. जायसवाल से पहले सम्राट चौधरी के हाथों में पार्टी की कमान थी. महागठबंधन सरकार के खिलाफ उनके तेवरों को देखते हुए उन्हें एनडीए सरकार में उनको डिप्टी सीएम की कुर्सी मिली थी. इसके बाद इस पोस्ट पर दिलीप जायसवाल की ताजपोशी हुई थी. अब दिलीप जायसवाल के नेतृत्व में पार्टी ने विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है. लिहाजा पार्टी ने जायसवाल को रिटर्न गिफ्ट देते हुए मंत्री बना दिया है.
पार्टी उनकी जगह ऐसे नेता को प्रदेश की कमान देना चाहती है जो जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों में सटीक बैठे. नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर कुछ नेताओं के नाम की काफी चर्चा हो रही है. इनमें सबसे ऊपर नीतीश मिश्रा का नाम है. नीतीश मिश्रा, मैथिली ब्राह्मण समुदाय से आते हैं और झंझारपुर सीट से 5वीं बार जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. इसके बाद भी उनको इस बार मंत्री नहीं बनाया गया है. चर्चा है कि इससे मधुबनी जिले में वोटर काफी निराश हुए हैं.
अब मधुबनी और उससे सटे हुए जिलों की जनता को खुश करने के लिए नीतीश मिश्रा को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी मिल सकती है. अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश में 8 साल बाद किसी सवर्ण नेता के हाथों में पार्टी की कमान होगी. दलित नेता और पूर्व मंत्री जनक राम भी प्रदेश अध्यक्ष पद की रेस में हैं. उन्हें भी इस बार मंत्री नहीं बनाया गया है. इसके अलावा पटना जिले की दीघा सीट से लगातार तीसरी बार विधायक बने संजीव चौरसिया का नाम भी रेस में है. उनके पिता जनसंघ के जमाने से भाजपा के साथ हैं. भूमिहार समाज से नवादा के सांसद विवेक ठाकुर के नाम की चर्चा भी काफी हो रही है.

