सीतामढ़ी। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में बीते वर्ष हुए चर्चित हत्याकांड का उद्भेदन करने में पुलिस नाकाम रही है। इन मामलों का खुलासा और बदमाशों की गिरफ्तारी का उनके परिजन इंतजार कर रहे हंै। चर्चित कांडों की गुत्थी सुलझाने और पुलिस की अधूरी जांच को पूरा करा बदमाशों को गिरफ्तार करना जिले में पदस्थापित नए एसपी के लिए चुनौती बन गयी है। जैसे-जैसे घटनाओं का समय बीत रहा है, वैसे-वैसे पुलिस के लिए कांडों का उद्भेदन अनसुलझी पहेली बन रही है। ऐसे में कांडों का रहस्य पता करा उद्भेदन करने की राह नए एसपी के लिए कठिन होगी। कांडों का खुलासा और बदमाशों की गिरफ्तारी नहीं होने से लोग सवाल उठा रहे हैं। हालांकि, नए एसपी अमित रंजन ने कहा है कि सभी कांडों का बारिकी से अध्ययन कर बदमाशों को गिरफ्तार करेंगे और इन कांडों के पीछे छिपे रहस्य से पर्दा उठाएंगे।
बॉर्डर इलाके में अपराध रोकना चुनौती: जिले के छह प्रखंड बॉर्डर इलाके से सटे हुए है। चोरौत से लेकर बैरगनिया तक नेपाल का खुला बॉर्डर जिले के सीमा से लगा हुआ है। ऐसे में इन इलाके में अपराध को रोकना बड़ी चुनौति होगी। खुली सीमा का फायदा अपराधी खूब उठाते हैं। वहीं ठंड शुरू होते ही डकैती व चोरी का ग्राफ भी बढ़ जाता है। खासकर बॉर्डर इलाके में डकैती गिरोह ज्याद सक्रिय हो जाते है।
कद्दू की खेत में रखवारी कर रहे किसान की हत्या
30 जुलाई की सुबह डुमरा थाना क्षेत्र के लगमा में खेत से किसान सुरेन्द्र साह की लाश मिली। कहा गया कि बदमाशों ने कद्दू चोरी करने के दौरान खेत में काम कर रहे किसान को ईंट व चाकू से हमला कर मार दिया। इस दौरान बदमाशों ने बेरहर्मी से ईंट से कुचकर उसकी आंखें फोड़ दी। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर श्वान दस्ता और एफएसएल टीम के साथ मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की। फिर भी घटना के पांच माह बाद भी पुलिस हत्यारों तक नही पहुंच सकी और न ही घटना के सही कारणों का पता लगा सकी।
नाम पूछकर बदमाशों ने व्यवसाई को मार दी गोली
30 जुलाई की सुबह में ही किसान हत्या की जांच कर डुमरा पुलिस के मौजूदगी के कुछ दूरी पर ही बदमाशों ने जमीन निबंधन कराने जा रहे स्वर्ण व्यवसायी का नाम पूछकर गोली मार दी। घटना में स्वर्ण व्यवसायी मानिकचौक निवासी श्यामबाबू प्रसाद गोली लगे अवस्था में बस पकड़कर डुमरा थाने पहुंचे और बाद में अस्पताल में भर्ती होकर जान बचा ली। इस मामले में भी पुलिस बदमाशों को पकड़ने में अबतक नाकाम रही है। घटना के संबंध में कहा गया था कि इस जमीन का निबंधन कराने जा रहे थे, उसी जमीन को लेकर गोली मारी गई थी। बावजूद न शूटर धराया और न ही इस घटना के पीछे का मास्टरमाइंड अबतक पकड़ा गया।
मूर्ति चोरी के लिए भगवान के रखवाले पुजारी की हत्या
बदमाशों ने भगवान की मूर्ति चोरी करने के दौरान उनके सेवक की हत्या कर दी। बेलसंड के जाफरपुर में बदमाशों ने अष्टधातु की भगवान की मूर्तियों को चोरी करने के लिए पुजारी की हत्या कर दी। 27 जुलाई की सुबह मंदिर में खून से सना पुजारी का शव मिला। इसके बाद पूरे जिले में सनसनी फैल गयी। पुजारी की हत्या के बाद चोर भगवान की तीन अष्टधातु की मूर्ति चोरी कर ले गए। पुलिस अबतक पता नही लगा सकी। न ही मूर्ति ही बरामद कर सकी है। मूर्ति नही मिलने और पुजारी के हत्यारों का पता नहीं लगने से लोगों में काफी रोष है।
थानेदार का सुसाइड केस बनी पहेली
16 अक्टूबर की देर शाम बैरगनिया थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर कुंदन कुमार का थाना परिसर स्थित आवास के कमरे में फंदे से झुलता हुआ शव मिला था। उसी दिन बैरगनिया थानाध्यक्ष ने मोबाइल चोर गिरोह के बड़े गैंग का पर्दाफाश किया था। हालांकि, इस मामले को पुलिस आत्महत्या बता रही है। जबकि, परिजनों ने हत्या की आशंका जतायी थी। लेकिन, पुलिस द्वारा अबतक खुलासा नही किया गया कि थानेदार ने खुदकुशी क्यों की। उनकी संदिग्ध मौत आज भी एक पहेली बन गयी है। कहा जाता है कि कुंदन कुमार काफी तेज तर्रार पुलिस अधिकारी थे। उनकी संदिग्ध मौत से पूरे पुलिस महकमे में गम का माहौल छा गया था। बावजूद उनके मौत के कारणों का खुलासा अबतक नही हो सका।
कचोर के चर्चित मुखिया की सरेशाम हत्या
20 नवंबर की देर शाम रीगा थाना क्षेत्र के रमनगरा सीमेंट गोदाम के पास अज्ञात बदमाशों ने कचोर पंचायत के मुखिया मधुरेंद्र सिंह उर्फ मुन्ना मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी। वे अपनी पत्नी के साथ सोनबरसा स्थित पैतृक गांव से बसवरिया स्थित घर लौट रहे थे। रास्ते में बाइक सवार बदमाशों ने उनकी कार को घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग की, इसमें उन्हें सीने में पांच से अधिक गोलियां लगीं। मधुरेंद्र सिंह एक प्रभावशाली नेता थे और उनकी हत्या ने क्षेत्रीय राजनीति में हलचल मचा दी। पुलिस ने एक बदमाश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मगर, घटना के संबंध में कोई खुलासा नही किया। बताया जाता है कि मुखिया पर गोलीबारी के समय 20 से अधिक बदमाश शामिल थे।