बिहार के सीतामढ़ी पुलिस बल के दामन पर एक बार फिर दाग लगा है। यह दाग शराब तस्करी और इस धंधे में संलिप्त रहने के चलते लगा है। शराब की तस्करी में मंगलवार को कांटी थाना पुलिस की ओर से पांच तस्करों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें एक तस्कर सीतामढ़ी जिला का एक पुलिसकर्मी शामिल है। इस पुलिसकर्मी ने मुजफ्फरपुर पुलिस की पूछताछ में सीतामढ़ी के दो दारोगा का भी नाम लिया है। वैसे यह कोई पहली बार नहीं है, जब शराब की तस्करी में कोई पुलिस वाला जेल गया है। इसके पहले भी तीन दारोगा जेल जा चुके हैं।
बताया गया है कि मुजफ्फरपुर जिले के कांटी थाना पुलिस ने सदातपुर, दरभंगा मोड़ से एक बस से 1523 लीटर विदेशी शराब जब्त की। बस दिल्ली से आ रही थी। पुलिस ने शराब के साथ सीतामढ़ी के सकिंदर, अजय कुमार और अनिमेष कुमार समेत पांच तस्करों को गिरफ्तार किया था। इसमें एक तस्कर अनिमेष सीतामढ़ी जिला पुलिस में है, जो कुछ माह पहले ही मुजफ्फरपुर से तबादला होकर यहां आया था।
पूछताछ में दो दारोगा के नाम भी आए
सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार पुलिस कर्मी अनिमेष ने मुजफ्फरपुर पुलिस की पूछताछ में शराब के मामले में सीतामढ़ी में कार्यरत दो दारोगा के भी नामों का खुलासा किया है। उक्त दोनों दारोगा के नामों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। सूत्र बताते हैं कि फिलहाल आरोपियों में से एक दारोगा नगर थाना, तो दूसरे रुन्नीसैदपुर थाना में कार्यरत है। शाम तक एसपी की ओर से इस मामले में कोई कार्रवाई किए जाने की बातें कही जा रही थीं।
शराब कांड में पहले भी जेल जा चुके थे थानाध्यक्ष
मामला अगस्त – 2019 का है। नगर थाना पुलिस ने शहर के रिंग बांध से 24 बोतल शराब जब्त की थी। उक्त शराब को मालखाने में नहीं रखा गया था। न ही कोई कागजी कार्रवाई की गई थी। इसकी खबर के बाद पटना से विशेष टीम ने आकर नगर थाना में शराब के मामलों की जांच की थी। टीम ने जब्त करने वाले पुलिस पदाधिकारी तत्कालीन दारोगा प्रमोद कुमार से पूछताछ की, तो उन्होंने मामले में कुछ नहीं बताया था।
तब टीम उन्हें लेकर शराब जब्त वाले स्थल पर लेकर पहुंची थी। वहां दरोगा प्रमोद कुमार को हिरासत में ले लिया गया था। इसकी भनक लगते ही तत्कालीन थानाध्यक्ष सुबोध कुमार थाना से फरार हो गये थे। इस मामले में दरोगा प्रमोद कुमार को जेल भेज दिया गया था। तत्कालीन डीएसपी पीएन साहा ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें दरोगा के आलावा थानाध्यक्ष रहे सुबोध कुमार को भी आरोपित किया गया था। इन्होंने बाद में आत्मसमर्पण किया था, तो इन्हें भी जेल भेज दिया गया था।