बिहार के मोकामा में दुलारचंद यादव हत्याकांड के बाद चुनाव आयोग एक्शन में है. चुनाव आयोग ने चार अधिकारियों पर कार्रवाई की है. इस मामले में आयोग ने एसपी, SDO समेत चार लोगों को हटा दिया है. वहीं SDPO को सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने DGP विनय कुमार से रिपोर्ट तलब की है.
राज्य के चुनावी माहौल में तनाव और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर चुनाव आयोग ने शनिवार को सख्ती दिखाई. चुनाव आयोग ने पटना जिला प्रशासन और पुलिस के कई अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने और निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं. दरअसल मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या के बाद क्षेत्र में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा था. इस मामले कई लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.
शनिवार (1 नवंबर) की शाम चुनाव आयोग ने ताबड़तोड़ प्रशासनिक फेरबदल करते हुए बाढ़ अनुमंडल के अधिकारियों से लेकर पुलिस अधिकारियों तक को हटा दिया. आयोग ने बाढ़ के एसडीएम चंदन कुमार को उनके पद से हटा दिया है.उनकी जगह 2022 बैच के आईएएस अधिकारी आशीष कुमार को नया एसडीएम बनाकर भेजा गया है. इसके साथ ही बाढ़ के एसडीपीओ-1 राकेश कुमार को भी हटाने का आदेश जारी किया गया है. अब उनकी जगह सीआईडी के डीएसपी आनंद कुमार सिंह को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है.
चुनाव आयोग ने सबसे बड़ी कार्रवाई बाढ़ के एसडीपीओ-2 अभिषेक सिंह पर की है. आयोग ने उन्हें निलंबित कर दिया है और उनकी जगह एटीएस में तैनात डीएसपी आयुष श्रीवास्तव को बाढ़ का नया एसडीपीओ-2 बनाया है. वहीं चुनाव आयोग ने पटना (ग्रामीण) के एसपी विक्रम सिहाग को भी उनके पद से हटाने का आदेश जारी किया है.
भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को आदेश का पालन कराने को कहा है. इसके साथ ही आदेश पालन की रिपोर्ट रविवार (2 नंवबर) की दोपहर 12 बजे तक देने का निर्देश दिया है.चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की प्रशासनिक लापरवाही या पक्षपातपूर्ण रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कि इस घटना में शनिवार को ही घोसवरी और भदौर थानेदारों को भी निलंबित किया गया था. वहीं अब वरीय अधिकारियों पर भी एक्शन लिया गया है.
बीते गुरुवार को चुनाव प्रचार के दौरान दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई थी. वो जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के प्रचार के दौरान तारताड़ गांव के पास पहुंचे थे. स्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, दुलारचंद की मौत फेफड़ा फटने और सीने की कई पसलियां टूटने से हुई. इस हत्या के बाद राजनीतिक घमासान शुरू हो गया. विभिन्न दलों ने इस घटना की निंदा की है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस घटना को कानून-व्यवस्था की विफलता बताया.

