बिहार के छात्रों को वानिकी अथवा फॉरेस्ट्री की पढ़ाई के लिए अब बिहार से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बिहार में जल्द ही देश का दूसरा वानिकी महाविद्यालय एवं शोध केंद्र बिहार के मुंगेर में शुरू होने जा रहा है। यह बिहार का पहला फॉरेस्ट्री इंस्टिट्यूट होगा। अब तक देश में सबसे प्रमुख और अंग्रेजों के जमाने का फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट देहरादून में मौजूद है। लेकिन जल्द ही बिहार में भी फॉरेस्ट्री की पढ़ाई हो पाएगी।
बीएयू सबौर को सौंपा जाएगा यह संस्थान।
जानकारी के अनुसार अक्टूबर से नवंबर तक यह कॉलेज बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, सबौर को दिए जाने की संभावना है। इसके बाद विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित राज्य के पहले वानिकी कॉलेज में देशभर के छात्र एवं शोधार्थी शोध कर सकेंगे। सूत्रों के अनुसार इस कॉलेज के अस्तित्व में आते ही राज्य के वन विकास की दिशा में काम शुरू किया जाएगा। पर्यावरण सुरक्षा के लिहाज से राज्य में वन क्षेत्र विकसित किए जाएंगे।
ये कोर्स होंगे उपलब्ध।
इस कॉलेज में छात्रों को बीएससी फॉरेस्ट्री एमएससी फॉरेस्ट्री, एमएससी पर्यावरण विज्ञान के अलावा सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्स पढ़ाया जाएगा। पहले सेशन में लगभग 3 दर्जन छात्र-छात्राओं का बीएससी फॉरेस्ट्री में एडमिशन होगा। राज्य सरकार द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के आधार पर छात्रों का चयन होगा।