अश्लील वीडियो की वजह से ब्लैकमेल की शिकार हुई युवती का बयान शुक्रवार को अदालत में दर्ज नहीं हो सका। अब पीड़िता का बयान सोमवार को दर्ज कराया जाएगा। पीड़िता और पूरे परिवार को पुलिस ने सुरक्षा कवच प्रदान किया है। इसके लिए पुलिस लगातार पीड़ित परिवार के संपर्क में है।पीड़िका को आरोपित पक्ष के लोग डरा-धमका नहीं सके, इसपर भी नजर रखी जा रही है। पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार चारों आरोपितों के स्मार्टफोन को भी जब्त कर लिया है। महिला थाना की एसएचओ चंदना कुमारी ने बताया कि शुक्रवार को पीड़िता की मेडिकल जांच हो गई है।
शनिवार और रविवार को अदालत में अवकाश की वजह से पीड़िता का बयान सोमवार को दर्ज कराया गया है। इस संगीन मामले का अनुसंधान शुरू कर दिया गया है। एसएचओ ने बताया महिला थाना की पुलिस पदाधिकारी अमीषा रत्ना को अनुसंधान की जिम्मेवारी दी गई है और उन्होने अपनी जांच शुरू भी कर दी है। पीड़िता के बयान और उनकी मेडिकल रिपोर्ट के आधार जांच को आगे बढ़ाया गया है। सुरक्षा कवच के तहत पीड़ित परिवार को महिला थाना के एसएचओ और अनुसंधान पदाधिकारी का फोन नंबर दिया गया है। किसी प्रकार की धमकी या खतरा भांपने पर तुरंत पुलिस को सूचना देने के लिए कहा गया है। पुलिस स्वयं भी परिवार से संपर्क बनाए है।
इस मामले में गिरफ्तार छात्रावास के प्रभारी अधीक्षक सह शिक्षक डॉ आशुतोष सहित चारों आरोपितों राज कुमार, राहुल कुमार और विकास कुमार के मोबाइल फोन को पुलिस ने जब्त कर लिया है। इन चारों के मोबाइल फोन में अश्लील वीडियो मिले हैं। केस अनुसंधान में इसकी जांच की जाएगी। वीडियो की साइबर जांच भी होगी।एसपी कार्तिकेय के शर्मा ने बताया है कि शिक्षक आशुतोष के मोबाइल फोन में पीड़ित युवती का सोनू के साथ कई तरह के अश्लील वीडियो मिले हैं। इसी मामले के किंगपिन सोनू कुमार और दूसरे फरार आरोपित गौतम की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। गिरफ्तारी के लिए दोनों के लोकेशन भी ढूंढे जा रहे हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्य आरोपित सोनू ने युवती को अपने प्रेम जाल में फंसाया और उसका अश्लील वीडियो बना लिया। फिर युवती का अश्लील वीडियो अन्य लोगों से शेयर कर दिया। इसी वीडियो की आड़ में सभी आरोपित उसे ब्लैकमेल कर एक साल तक यौन शोषण करते रहे। तंग आकर पीड़िता ने एसपी से मिलकर अपनी कहानी बयां कर दी।