केंद्र सरकार ने भारत टैक्सी नामक एक नई सहकारी टैक्सी सेवा शुरू की है, जो ओला और उबर जैसी निजी कंपनियों को टक्कर देगी। इस पहल का उद्देश्य ड्राइवरों को उनकी कमाई का पूरा हिस्सा देना और यात्रियों को सरकार की निगरानी में एक सेफ ऑप्शन देना है।
भारत टैक्सी के तहत, ड्राइवर अपनी सवारी पर कोई कमीशन नहीं देंगे। इसके बजाय, वे मेंबरशिप मॉडल के तहत काम करेंगे, जिसमें सिर्फ मामूली दैनिक, साप्ताहिक या मासिक शुल्क का योगदान होगा। इससे ड्राइवरों को ज्यादा कमाई होगी।
दिल्ली में 650 वाहनों के साथ शुरू होगा प्रोजेक्ट
भारत टैक्सी का पायलट प्रोजेक्ट नवंबर में दिल्ली में 650 वाहनों और उनके चालकों के साथ शुरू होगा। सफल होने पर, 2025 में दिसंबर में इसका पूर्ण रूप से रोलआउट किया जाएगा, जब यह सेवा बाकी प्रमुख शहरों में बढ़ाई जाएगी।
सरकार का लक्ष्य मार्च 2026 तक कई महानगरीय क्षेत्रों में भारत टैक्सी का संचालन स्थापित करना है और 2030 तक, इस प्लेटफॉर्म में 1 लाख ड्राइवर शामिल होने की उम्मीद है, जो जिला मुख्यालयों और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचेंगे। भारत टैक्सी एक निजी स्वामित्व वाली कंपनी के रूप में नहीं, बल्कि एक सहकारी उद्यम के रूप में काम करेगी।
कैसे ले सकेंगे Bharat Taxi की सेवा?
भारत टैक्सी का एप ओला-उबर जैसा होगा, जो नवंबर में एप स्टोर्स से डाउनलोड कर सकेंगे। एप हिंदी, गुजराती, मराठी और अंग्रेजी में होगा। ड्राइवरों को क्या फायदा होगा? हर राइड की 100% कमाई ड्राइवर को मिलेगी। उसे सिर्फ दैनिक, साप्ताहिक या मासिक शुल्क देना होगा, जो कि बहुत ही सामान्य रहेगा। महिला सारथी की क्या भूमिका रहेगी? यानी महिला ड्राइवर्स। पहले चरण में 100 महिलाएं जुड़ेंगी। 2030 तक इनकी संख्या 15 हजार करेंगे। 15 नवंबर से मुफ्त प्रशिक्षण, विशेष बीमा मिलेगा।
दिसंबर से मार्च 2026 तक राजकोट, मुंबई, पुणे में सर्विस। ड्राइवर 5 हजार होंगे। मल्टी स्टेट ऑपरेशन। अप्रैल से दिसंबर के बीच लखनऊ, भोपाल, जयपुर में शुरुआत होगी। 15 हजार ड्राइवर और 10 हजार गाड़ियां हो जाएंगी। 2027-28 में 20 शहरों में 50 हजार ड्राइवर्स के साथ पैन इंडिया सर्विस मिलने लगेगी। इसे फास्टैग से जोड़ेंगे। 2028-2030 के बीच जिला मुख्यालयों, गांवों में एक लाख ड्राइवरों के साथ सेवा शुरू होगी।

