यूपी एटीएस के हत्थे चढ़ा सीतामढ़ी जिला का सोनू साइबर फ्रॉड की दुनिया का शातिर खिलाड़ी निकला है। गिरफ्तारी और उसके पास से मिले तरह-तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से उसके कारनामे परत दर परत खुल रहे हैं। यूपी एटीएस और पुलिस भी इस शातिर के कारनामे को जानकर हैरान है। यह साइबर फ्रॉड का ऐसा खेल खेलता था, जिसकी कल्पना भी आम आदमी नहीं कर सकता है। यह साइबर खिलाड़ी जिले के भिट्ठा थाना क्षेत्र के श्रीखंडी भिट्टा गांव का निवासी है।
देश विरोधी ताकतों से सोनू की संगत
यूपी पुलिस और खुफिया एजेंसी ने शनिवार की देर रात घर से ऋषिकेश साह उर्फ सोनू साह को गिरफ्तार किया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपराधिक घटना को अंजाम देने के मामले में उसे दबोचा गया है। टीम ने सोनू के पिता मोहन साह को हिरासत में लिया था। सोनू की गिरफ्तारी के बाद जांच में जो सच सामने आये हैं, वह काफी चौंकाने वाले हैं। पता चला है कि सोनू का तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराध और देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वाले संगठन से जुड़ा है।
डार्क वेब के माध्यम से ठगी
सोनू एक ऐसे संगठन से जुड़ा हुआ था, जो इंटरनेट की काली और खतरनाक दुनिया के सबसे बदनाम नाम डार्क वेब का इस्तेमाल कर रहा था। बहरहाल इस मामले की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। मीडिया रिपोटों के अनुसार, सोनू का गैंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फर्जी कोर्ट संचालित करता था। कोर्ट देखने में सामान्य लगता था। फर्जी कोर्ट में जज, सीबीआई और वकील सभी होते थे। फर्जी एसबीआई अधिकारी बना गैंग का सदस्य उस व्यक्ति (जिसे जाल में फंसा लिया जाता था/फंसाने की कोशिश की जाती थी) को अपनी आईडी भी दिखाते थे, ताकि अगले को शक की कोई गुंजाइश नहीं रहे।
डॉक्टर से ठगी का हुआ खुलासा
सूत्रों से खबर मिली है कि सोनू और उसके गैंग के लोग एक महिला डॉक्टर को फंसाने के लिए सात दिनों तक फर्जी कोर्ट संचालित किया था। खास बात कि जज के रूप में शातिर खिलाड़ी सोनू साह ही था। डिजिटल सुनवाई के दौरान जज बने सोनू ने डॉक्टर से कहा कि उनके पास जमा राशि की जांच की जानी है। इसके लिए पूरी राशि सरकारी खाते में जमा करानी होगी। फिर डर से उस डॉक्टर ने जज यानी सोनू के बताए खाते में 2.81 करोड़ रुपये डाल दी थी। खास बात यह कि महिला डॉक्टर को सोनू ने डिजिटल अरेस्ट होने की बात कह डरा दिया था। इसी मामले में यूपी एटीएस ने उसे गिरफ्तार किए जाने की बात कही जा रही है।
ऐसे बनी महिला डॉक्टर शिकार
यूपी एटीएस को महिला डॉक्टर ने जानकारी दी थी कि एक व्यक्ति का उनके पास कॉल आया। उसने खुद को साइबर क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया था और मुंबई से बात करने की बात कही थी। उसने महिला डॉक्टर को कहा था कि उनके मोबाइल नंबरों पर कई केस दर्ज है। साथ ही उनके (डॉक्टर) खाते से सात करोड़ रुपये की मनी लांड्रिग हुई है। यह कहते हुए उस शख्स ने महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर लेने की बात कही। धमकी दिया था कि इस मामले में उन्हें तीन से पांच साल तक की सजा हो सकती है।
क्या बला है यह डार्क वेब
डार्क वेब इंटरनेट की दुनिया का वो हिस्सा है, जहां तक सर्च इंजन नहीं पहुंचता है। बताया गया है कि इसे स्पेशल वेब ब्राउजर से एक्सेस किया जा सकता है। जिस तरह समुद्र की सतह और पानी के नीचे कुछ हिस्से तक हमारी पहुंच होती है, लेकिन एक हिस्सा ऐसा भी है जहां कोई नहीं पहुंचा, डार्क वेब इंटरनेट की दुनिया का वही हिस्सा है। इस हिस्से तक बहुत कम लोगों की पहुंच है। डार्क वेब से कई अवैध काम होते हैं। साइबर वर्ल्ड की ये दुनिया अवैध कामों का ठिकाना माना जाता है।
एक सिम का एक बार ही उपयोग
सूत्रों पर यकीन करें, यह अंतर्राष्ट्रीय साइबर बड़ा ही शातिर तरीके से घर बैठे बिटकॉइन का खेल, खेल रहा था। वह जांच एजेंसियों से बचने के लिए एक सिम का एक ही बार उपयोग करता था। हालांकि सोनू की चालाकी अधिक समय तक नहीं चली और वह पकड़ा गया। यूपी एटीएस ने उसे गिरफ्तार कर उसके तमाम खेल को बिगाड़ दी है। खास बात यह के उक्त कार्रवाई की स्थानीय पुलिस को भनक तक नहीं लग सकी। दरअसल, यूपी एटीएस और आईबी की टीम छापेमारी की कोई पूर्व सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं दी थी।
जाते-जाते पुलिस को सूचना दी टीम
सोनू और उसके पिता मोहन साह की गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस की टीम स्थानीय पुलिस को सिर्फ इतना ही सूचना दी कि इस गांव से दो की गिरफ्तारी की गई है। किस मामले में गिरफ्तरी की गई है, की भी सूचना पुलिस को नहीं दी गई। गांव के कुछ लोगों ने बताया कि सोनू नशे का आदी था। वह दिन भर अपने घर के एक कमरे में बंद रहता था। उसके पड़ोसी भी उसे घर के बाहर निकलते नहीं देखते थे। ऋषिकेश के पिता मोहन साह भिट्ठामोड़ चौक पर वसुधा केंद्र का संचालन करते हैं। पिता-पुत्र की गिरफ्तारी पर श्रीखंडी भिट्ठा गांव सहित आसपास के क्षेत्र में लोग विभिन्न तरह की चर्चा कर रहे हैं।
यूपी एटीएस ने सोनू को दबोचा
सूत्रों ने बताया कि यूपी एटीएस ने विदेशों में करोड़ों रुपये की हेराफेरी करने के आरोप में जिले के भिट्ठा थाना के श्रीखंडी भिट्ठा गांव के ऋषिकेश उर्फ सोनू साह को गिरफ्तार किया है। एटीएस के साथ पटना की आईबी और सीतामढ़ी की डीआईयू की टीम भी थी। सोनू का तार अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर आपराधिक संगठन से जुड़ा हुआ है। इसके पुख्ता सबूत टीम को हाथ लगे हैं। टीम ने इस हेराफेरी के धंधे में कथित रूप से संलिप्त सोनू के पिता को भी गिरफ्तार की है। दोनों को रविवार की शाम में ही यूपी एटीएस लेकर चली गई।