विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक और बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी के तेवर सरकार के रवैये से तल्ख होने लगे हैं। शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विधायक दल की बैठक में सहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकेश कर दी। हालांकि सहनी ने मुद्दे पर अभी कुछ भी कहने से इनकार किया और बोले जो बातें हो रही हैं उनमें कुछ सच्चाई तो जरूर होगी। मुकेश सहनी उत्तर प्रदेश चुनाव में लगातार निषाद आरक्षण का मुद्दा उठाकर भाजपा सरकार पर आक्रामक हैं। अब उन्होंने अतिपिछड़ा समाज के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग की है। विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही के बाद एनडीए विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। वीआइपी संस्थापक मुकेश सहनी भी बैठक में शामिल थे।
दो को मंत्री बनाने का किया था वादा
विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी ने इस दौरान कहा बिहार में चार दलों के सहयोग से सरकार चल रही है। सभी दलों को अपनी बात रखने का अधिकार है। उनकी पार्टी के दो लोगों को मंत्री बनाने का वादा किया गया था, लेकिन एक मंत्री पद ही दिया गया। उनकी मांग रही है अतिपिछड़ा समाज का आरक्षण दायरा बढ़ाकर 33 प्रतिशत किया जाए। उनका सरकार में शामिल होने का मकसद भी आरक्षण दिलाना था, पर उनकी बातों को तवज्जो नहीं दी जा रही।
बीच बैठक को छोड़कर बाहर निकल गए सहनी
बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि मैं मंत्री बनने के लिए सत्ता में नहीं आया हूं। इतना कहकर सहनी बैठक से निकल गए। सहनी की पार्टी की विधायक मिश्री लाल यादव जो बैठक में शामिल थे वे बैठक में बने रहे और उन्होंने कहा राज्य में नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बेहतर कार्य कर रही है। वे सरकार के साथ हैं और आगे भी बने रहेंगे।