छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में 10 साल का राहुल 60 फीट गहरे बोरवेल में फंस गया था. राहत और बचाव कार्य चलाए जाने के तकरीबन 105 घंटे बाद राहुल को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया. अब उसे उपचार के लिए बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा कि ‘हमारा बच्चा बहुत बहादुर है. उसके साथ गढ्ढे में 104 घंटे तक एक सांप और मेंढक उसके साथी थे. पूरा छत्तीसगढ़ उत्सव मना रहा है, जल्द अस्पताल से पूरी तरह ठीक होकर लौटे, हम सब कामना करते हैं. इस ऑपरेशन में शामिल सभी टीम को पुनः बधाई एवं धन्यवाद.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बहादुर बच्चे की जिजीविषा काबिले तारीफ है. जितने धैर्य से बचाव दल ने काम किया, राहुल भी उतनी ही हिम्मत से बोरवेल के अंदर डटा रहा, जिससे हमारी पूरी टीम को संबल मिला.अस्पताल प्रबंधन की तरफ से डॉक्टर सुनील कुमार ने बताया कि लगातार गड्ढे में फंसे रहने की वजह से उसे डी-हाइड्रेट हुआ है. इसके अलावा उसके शरीर में कई जगह छिल जाने की वजह से बैक्टीरियल इंफेक्शन है. उसे फिलहाल एंटीबायोटिक दवाइयों पर रखा गया है.’
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया कि लंबे समय तक बोरवेल के गड्ढे में फंसे रहने की वजह से राहुल के सोडियम लेवल में कमी आई है. फिलहाल वह स्वस्थ है और जल्द उसे आईसीयू से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा. डॉ. प्रमोद महाजन ने कहा कि घबराने वाली बात नहीं है. जल्द ही राहुल सेहतमंद होकर अपने घर जा सकता है. फिलहाल मेडिकल चेकअप के लिए उसे अस्पताल में रखा गया है और कंप्लीट मेडिकल चेकअप होने के बाद ही उसे डिस्चार्ज किया जाएगा.
वहीं अपोलो अस्पताल में राहुल की देखरेख और उपचार कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि राहुल नाश्ता कर चुका है और बुखार के लिए उसे सामान्य पेरासिटामॉल टेबलेट दी गई है. फिलहाल वह काफी लंबे समय तक गड्ढे में रहने की वजह से थोड़े सदमे में है, लेकिन जल्द ही वह मानसिक और शारीरिक रूप से सेहतमंद हो जाएगा. फिलहाल उसे आराम करने के लिए पर्याप्त समय दिया जा रहा है. उसके परिजन से भी उसकी मुलाकात करा दी गई है.
अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि राहुल के शरीर में छिल जाने की वजह से कई जगह इंफेक्शन है. ऐसे में इंद्रप्रस्थ अपोलो के डॉक्टरों से सलाह ली जा रही है. कई जांच रिपोर्ट आ चुकी हैं, कई रिपोर्ट आना बाकी हैं.
वहीं CMO Chhattisgarh ने ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल की दादी से किया अपना वादा पूरा किया कि ‘तोर नाती ला बोरवेल ले निकाल लेबो’. अपनी व्यस्तताओं के बावजूद उन्होंने स्वयं पल-प्रतिपल पूरी मॉनिटरिंग की और बचाव दल को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का आदेश दिया.