पटना : RRB, NTPC परीक्षा को लेकर बिहार में जिस तरीके से छात्रों का आक्रोश भड़का था, उससे सत्ता में बैठे नेताओं के होश उड़ हो गये थे. तीन दिनों तक बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश में भारी उत्पात मचाने के बाद छात्रों ने शुक्रवार को बिहार बंद करने का एलान किया था. छात्रों के आक्रोश को भुनाने के लिए विपक्षी पार्टियां तैयार थीं. लेकिन गुरूवार की शाम सुशील मोदी के मास्टरस्ट्रोक ने सारी प्लानिंग की हवा निकाल दी. शुक्रवार का बिहार बंद विपक्षी पार्टियों का फ्लॉप शो ही नजर आया.
क्या था सुशील मोदी का मास्टरस्ट्रोक
दरअसल शुक्रवार के बिहार बंद से पहले की रात यानि गुरूवार की रात सुशील मोदी ने वीडियो संदेश जारी किया. मोदी ने कहा कि आज ही उनकी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से लंबी बात हुई है. रेल मंत्री ने कहा है कि RRB, NTPC परीक्षा को लेकर वे बड़ा फैसला लेंगे. एक पद-एक छात्र की नीति लागू होगी, साढ़े तीन लाख नये छात्रों का रिजल्ट निकलेगा और RRB के दो परीक्षाओं की जगह सिर्फ एक परीक्षा होगी. रेल मंत्री ने कहा है कि उन्होंने कमेटी बनायी है, उसकी रिपोर्ट आते ही इसका औपचारिक एलान कर दिया जायेगा. सुशील मोदी ने कहा कि इस मामले में सारा दोष रेलवे बोर्ड का है जिसने सरकार से लेकर छात्रों तक में गलतफहमी पैदा की. उन्होंने छात्रों पर हुए मुकदमे को वापस लेने को कहा.
मोदी के एलान के बाद प्रकट हुए खान सर
दरअसल नौकरी के लिए छात्रों की जंग के सबसे बड़े हीरो रहे हैं पटना के खान सर. खान सर पर पटना पुलिस ने छात्रों को उत्पात के लिए भड़काने के आरोप में केस दर्ज कर दिया है. पुलिसिया कार्रवाई से डरे खान सर गुरूवार के सुबह से ही अंडरग्राउंड हो गये थे. लेकिन सुशील मोदी ने जब छात्रों की मांगें पूरी होने का एलान किया तो खान सर अपने यूट्यूब चैनल के जरिये सामने आये. देर रात यूट्यूब पर प्रकट हुए खान सर ने छात्रों से सीधे कहा-आपकी सारी बातें मान ली गयी हैं. अब किसी आंदोलन और बंद के फेरे में मत पढिये. आपके नाम पर कोई औऱ उत्पात मचायेगा औऱ छात्र बदनाम होंगे. खान सर ने छात्रों से कहा कि पढ़ाई पर ध्यान दें और किसी सूरत में अब आंदोलन में शामिल नहीं हो. दरअसल खान सर छात्रों की जिन मांगों के पूरा होने की बात कह रहे थे वह सुशील मोदी के हवाले से ही सामने आयी थी.
सुबह होते ही पलट गयी बाजी
देर रात खान सर का मैसेज पूरे बिहार में छात्रों के बीच फैल गया. छात्रों ने बिहार बंद कराने के लिए अलग अलग तरीके की तैयारी कर रखी थी. पूरे बिहार के छात्रों ने उन सारी तैयारियों को रोक दिया. पटना के एक हॉस्टल में रहने वाले छात्र मयंक ने बताया- हम लोगों ने सुबह सुबह रोड पर उतरने का प्लान बना लिया था. लेकिन जैसे ही खान सर का मैसेज आया हमलोगों ने अपनी सारी प्लानिंग को रद्द कर दिया. मयंक ने बताया कि वह जितने छात्रों को जानता है उनमें से कोई रोड पर नहीं उतरा.
जाप-माले का फ्लॉप शो बन गया बंद
छात्रों के मुंह मोड़ने का असर ये हुआ कि शुक्रवार का बिहार बंद पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी औऱ भाकपा माले और उसके छात्र संगठन आइसा का फ्लॉप शो बन कर रह गया. बिहारमें बंद के नाम पर जो कुछ हुआ वह इन्हीं पार्टियों का प्रदर्शन था. कहीं-कहीं राजद औऱ कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के कार्यकर्ता भी नजर आये. लेकिन बंद का बाजार पर शायद ही कोई असर देखने को मिला. सियासी पार्टियों के नेता जहां प्रदर्शन कर रहे थे, उस इलाके के दुकानदारों ने भले ही तोड़फोड़ के डर से कुछ देर के लिए दुकानें बंद रखीं. बाकी बाजार से लेकर सड़क पर आवाजाही सामान्य थी.