बिहार में एनडीए से अगल होने के बाद से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू भाजपा पर तरह-तरह के आरोप लगा रही है. एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा पर निशाना साधा है. नीतीश कुमार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का नाम लेकर कहा कि भाजपा आरसीपी सिंह को बिहार का एकनाथ शिंदे बनाना चाहती थी, लेकिन हमने समय रहते उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2014 में जब हम एनडीए गठबंधन से अलग हुए तो सब कुछ अच्छा चल रहा था, लेकिन फिर 2017 में हमने किन्हीं कारणों से एनडीए से फिर हाथ मिला लिया. यही हमारी गलती थी. हमें भाजपा से हाथ नहीं मिलाना चाहिए था. भाजपा से हाथ मिलाने के कारण कुछ राज्यों की कई राजनीतिक पार्टियां हमसे अलग हो गईं. हालांकि अब 2022 में एक बार फिर हम एनडीए से अलग हो गए. उनमें से कई राजनीतिक पार्टियों ने कहा कि अब अच्छा चल रहा है.
नीतीश के समर्थन में पटना में लगे पोस्टर
बता दें, राजधानी पटना में जेडीयू की दो दिवसीय राज्य कार्यकारिणी की बैठक आज संपन्न हुई. बीते शनिवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में जमकर नारे लगाए गए थे. जानकारी के मुताबिक, बैठक में नारेबाजी की गई कि देश का प्रधानमंत्री कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो. वहीं पटना में इनकम टैक्स चौराहे पर जेडीयू के पोस्टर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फोटो लगी दिखी, जिसमें लिखा था कि 2024 के आम चुनाव से पहले बिहार में दिखा, भारत में देखेंगे.
5 सितंबर को दिल्ली जाएंगे नीतीश कुमार
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस समय विपक्षी एकता की खूब दुहाई दे रहे हैं. इसी को लेकर वह सोमवार यानी 5 सितंबर को दिल्ली के तीन दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं. यहां उनकी मुलाकात कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से होगी. नीतीश कुमार के इस दौरे को काफी मायनों में खास बताया जा रहा है. इसे नीतीश कुमार की देश में विपक्षी एकता को एकजुट करने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है.
आरसीपी सिंह पर फोड़ा था ठीकरा
बता दें, नीतीश कुमार ने बिहार में भाजपा से जब नाता तोड़ा था तो पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह पर ही इसका ठीकरा फोड़ा था. नीतीश की पार्टी जेडीयू ने आरोप लगाया था कि भाजपा आरसीपी सिंह के बहाने उनकी पार्टी को तोड़ना चाहती थी, लेकिन भाजपा ने जैसा महाराष्ट्र में किया वैसा बिहार में करने में सफल नहीं हो पाई. भाजपा के मंसूबे कामयाब होने से पहले ही नीतीश कुमार ने उनको झटका दे दिया. वहीं भाजपा नीतीश पर जनादेश का पालन न करने का आरोप लगा रही है.