पटना. बिहार में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए अब नीतीश सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है. प्रदेश के सभी सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्रों को सेंटर ऑफ एक्सलेंस बनाए जाने के लिए राज्य सरकार के श्रम विभाग और टाटा टेक्नोलॉजी में MOU पर साइन किया गया. सरकार ने राज्य के सभी 149 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) को उन्नत बनाने के लिए टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ समझौता किया है. इस समझौते पर 4606 करोड़ रुपये खर्च होंगे. उन्नत हो रही तकनीक को लेकर सरकार के 149 आईटीआई में अब नए जमाने के आधार पर पढ़ाई होगी, जिसके लिए तकनीक और मशीन का सहयोग टाटा टेक्नोलॉजी की ओर से की जाएगी. इसके लिए सरकार और टाटा के बीच समझौता हुआ है.
श्रम संसाधन मंत्री जीबेश कुमार ने समझौते पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि बिहार में अब स्टूडेंट नई तकनीक की पढ़ाई करेंगे. उन्होंने जल्द ही ड्रोन तकनीकी की पढ़ाई बिहार के आईटीआई कॉलेजों में शुरू करने की बात कही है. टाटा टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष पवन बगेड़िया ने नयी तकनीक को समय की जरूरत बताया और कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विजन से बिहार का विकास हो रहा है. सात निश्चय पार्ट- टू जैसी योजनाएं इसी का नतीजा हैं . बिहार में विकाश कार्य तेजी से किया जा रहा है. सरकार के साथ नए समझौते से काफी फायदा होगा.
पहले चरण में दिसंबर 2022 तक कुल 60 केंद्रों को CoE में अपग्रेड किया जाएगा. बाकी बचे 89 केंद्रों को उन्नत बनाने का कार्य जनवरी 2023 में प्रारंभ किया जाएगा जिसे 31 दिसंबर 2023 तक इन्हें CoE में तब्दील कर दिया जाएगा. कंपनी अपने उद्योग भागीदारों के साथ 298 प्रशिक्षण कर्मियों को भी तैनात करेगी और उन्नत उपकरणों की सुविधा प्रदान करेगी. टाटा टेक्नोलॉजीज का उद्देश्य भविष्य के उद्योग आवश्यकताओं के अनुसार बुनियादी कार्यबल के कौशल को उन्नत करना और प्रतिभागियों को उद्योगों में प्लेसमेंट के लिए वरीयता प्राप्त करने में मदद करने के लिए एक मंच प्रदान करना है. जिसके लिए बिहार सरकार द्वारा 28 दिसंबर 2021 को इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी दे दी गई थी.
Source : News18