सीतामढ़ी एक प्रदेश एक जैसा सिस्टम पुलिसिंग भी वही लेकिन भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में क्राइम को लेकर बहुत फर्क है। सीतामढ़ी में पारंपरिक गैरकानूनी गतिविधियां जैसे सूदखोरी, जुआ, अवैध शराब महिला व बच्चे संबंधी अपराध से लेकर आर्थिक अपराध साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में पुलिस कप्तान की कुर्सी पर बैठने वाले आईपीएस मनोज कुमार तिवारी को दोहरी चुनौती झेलनी होती है।
सरकार के हिसाब से चलना और जनता की सुध लेकर भरोसा कायम करना। सीतामढ़ी के एसपी के सामने 10 चुनौतियां हैं। इसके अलावा कानून व्यवस्था बनाए रखने स्टाफ और संसाधन की कमी के मसले है, सो अलग। सीतामढ़ी जिले में कुशल थानेदारों की कमी इसी तरह अच्छे विवेचक भी नहीं है जिले के लिए पांच डीएसपी है। यहां के ट्रैफिक के लिए अलग से डीएसपी नहीं है जिले में हाल के वर्षों में साहूकारों में बड़ी संख्या में लोग त्रस्त है।
सूदखोरो के खिलाफ कुछ करवाई हुई लेकिन यह पीड़ितों की तादाद काफी कम है। शहर में सूदखोर ऐसे लोगों की फंसाते हैं जिनका नाम जमीन गाड़ी हो या स्वजन बड़े सरकारी पद पर हो।उनके बच्चों को उधार देकर जुआ-सट्टा खेलने को बाध्य करते हैं। इसके धमका कर उनसे या तो मोटी रकम वसूलते हैं। या फिर संपत्ति अपने नाम लिखवा लेते हैं। शहर की आबादी बढ़ने के साथ ट्रैफिक समस्या गंभीरता होती जा रही है। हाईकोर्ट के बार-बार नाराजगी के बाद भी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। दिन में शहर के अंदर भारी वाहनों शहर में प्रवेश होता है। बावजूद जाम की स्थिति बनी रहती है शहर में कहीं वाहन वर्किंग नहीं है खरीदार दुकान के बाहर अपनी गाड़ी आड़ी-तिरछी खड़ी करते है लोग पुलिस की बात नहीं सुनते हैं।
सीतामढी शहर में शराब ठेकेदारों की प्रतिस्पर्धा के कारण विधि व्यवस्था बिगड़ती रहती है एक दूसरे के एरिया में जाकर शराब बेचने की कोशिश में बार-बार विवाद होता है। कमाई के चक्कर में ठेकेदारों से मिलकर धंधेबाज इनकी शराब गांव के में खपाते हैं साल भर के भीतर पुलिस ने ऐसे सैकड़ों लोगों के अवैध शराब जप्त किए हैं।कुछ सालों से शहर में गुंडे की संख्या बढ़ती जा रही है। वर्तमान में पुलिस की रिकॉर्ड में ऐसे 107 असामाजिक तत्व हैं जिन पर पुलिस की हमेशा नजर होती है शहर में दो तीन ग्रुप ऐसे हैं जो यहां के अमन चैन को खराब करने की कोशिश में लगे हुए हैं। इन्हें ठीक करने की जरूरत है जनसंख्या बढ़ने के साथ भवनों का पुनर्निमाण तेजी से हुआ है।
व्यवसायिक लाभ लेने लोगों को अतिक्रमण कर लिया इससे रास्ते संकरे हो गए व्यवसाय दुकानों के बाहर भी सामान रखते हैं पार्किंग नहीं होने की वजह से गाड़ियां भी दुकान के बाहर ही रखते हैं पुलिस और नगर निगम के साझा प्रयास से इन्हें व्यवस्थित करने की जरूरत है।जिले में महिला अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। थानों में लगातार महिलाएं शिकायत लेकर आ रही है नाबालिगों गुमशुदगी के मामले में सीमा क्षेत्र में अव्वल है।
स्मार्टफोन सोशल साइड और इंटरनेट दौर में साइबर क्राइम का ग्राफ भी तेजी से बढ़ा है जिले में इनके माध्यम से कई लोगों को अश्लील मैसेज और फोन पर धमकियां भी मिली है। पुलिस के पास इन तमाम समस्याओं के अलावा कई मामले में राजनैतिक दबाव भी रहता है अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार करने की बारी आती है तो उनके सरपरतों के फोन आने शुरू हो जाते हैं। ऐसे में कार्यप्रणाली से लेकर मनोबल प्रभावित होता है यहां के लोग अमन पसंद और मिलजुलकर रहने वाले है। यहां के लोगों का कभी किसी बावरे अपराध में हाथ नहीं रहा। शहर में बाहरी लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इनमें अपराधियों किस्म के लोग याहा पहुंचे । शराब धंधे से लेकर ठेकेदारी तक उनकी पैठ हो गई हैं इससे अपराध बढ़ा रही है इनसे निपटने पुलिस को समय-समय ट्रेनिंग की जरूरत है