मुजफ्फरपुर में शनिवार को सुबह से आसमान में बादल छाए रहे। दोपहर बाद आसमान में हल्के बादल आने से राहत मिली। इस बीच अधिकतम तापमान 39 डिग्री पार किया। पिछले 24 घंटे में करीब चार डिग्री अधिकतम तापमान में गिरावट आई है। शुक्रवार को तापमान 42 डिग्री पर पहुंचा था। सीनियर मौसम विज्ञानी डॉ. ए सतार ने बताया कि मानसून सिक्कम में अगले दो दिन में प्रवेश करेगा। 14 से 15 के बीच बिहार में पहुंचने के संकेत है। इसको लेकर अगले 48 घंटे के अंदर वर्षा की भी संभावना है।
इधर, ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, कृषि मौसम विभाग जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केन्द्र डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के अनुसार, अधिकतम तापमान 39.2 डिग्री सेल्सियस जो सामान्य से 2.8 डिग्री ज्यादा रहा।न्यूनतम तापमान 26.0 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा। यह सामान्य से 0.2 डिग्री ज्यादा रही। सापेक्ष आद्रर्ता सुबह सात बजे 77 प्रतिशत व दाेपहर दो बजे 45 प्रतिशत रहा। पूरबा हवा 9.3 किलोमीटर की गति से चली।
मौसम विभाग के अनुसार, पिछले तीन दिनों का औसत अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमशः 41.3 एवं 22.9 डिग्री सेल्सियस रहा। औसत सापेक्ष आर्द्रता 63 प्रतिशत सुबह में एवं दोपहर में 28 प्रतिशत, हवा की औसत गति 4.3 किलो मीटर प्रति घंटा रही। वहीं, मौसम शुष्क रहा।जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केन्द्र डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वरीय मौसम विज्ञानी डॉ. ए सतार ने बताया कि अगले चार दिन यानी 14 जून तक के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल आ सकते हैं।
अगले 24 घंटे तक हीटवेव की स्थिति बनी रहने की सम्भावना है, उसके बाद उत्तर पश्चिम बिहार के जिलों के अनेक स्थानों पर तेज हवा के साथ वर्षा हो सकती है। इसका प्रभाव मुजफ्फरपुर दरभंगा एवं समस्तीपुर जिलों के एक-दो स्थानों पर भी पड़ सकता है।इस अवधि में अधिकतम तापमान 41-43 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है, जबकि न्यूनतम तापमान 24-27 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रह सकता है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 65 से 75 प्रतिशत तथा दोपहर में 35 से 45 प्रतिशत रहने की संभावना है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 9 से 12 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पछिया हवा चलेगी।
मौसम विभाग के तकनीकी पदाधिकारी विज्ञानी डॉ. गुलाब सिंह ने बताया कि गरमा सब्जी जैसे भिन्डी, नेनुआ करेला, लौकी (कद्दू) और खीरा की फसल में आवश्यकतानुसार सिंचाई एवं निकाई-गुड़ाई करें। कीट व्याधियों से फसल की बराबर निगरानी करते रहें। प्रकोप दिखने पर अनुशंसित दवा का छिड़काव करें। भिंडी एवं बोरा जैसे फल वाली सब्जियों में भी नाइट्रोजन का उपरिवेशन करें। अल्प अवधि वाले धान की किस्म एवं सुगंधित धान का किस्म का बिचड़ा बीजस्थली में 20 जून से 10 जुलाई तक बोने के लिए अनुशंसित है। सुगंधित किस्मों का बिचड़ा बीजस्थली में पहले से गिराने से उसकी सुगंध खत्म हो जाती है।