जब भी किसी घर में डोली उठने की बात होती है तो लोगों के दिमाग में शादी का ख्याल जरूर आता है. शादी के दौरान दुल्हन के लिए डोली उठती है और उसे उठाने के लिए उसके भाई मौजूद होते हैं. हालांकि, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में कुछ अलग ही मामला देखने को मिला. एक दिव्यांग बहन के लिए उसके भाई ने डोली उठाई, लेकिन उसकी शादी के लिए नहीं बल्कि उसे परीक्षा केंद्र तक ले जाने के लिए.
कंधे पर डोली रखकर बहन को परीक्षा दिलाने ले जाता है भाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिथौरागढ़ जिले के चमाली गांव में एक भाई ने अपनी बहन को 10वीं बोर्ड की परीक्षा दिलाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी. बहन के सपनों को ऊंची उड़ान मिले, इसलिए परीक्षा केंद्र तक ले जाने के लिए भाई ने अपनी पूरी कोशिश की. अब लोग काफी सराहना कर रहे हैं. भाई पारस कोहली, बड़ी बहन सानिया और छोटी बहन संजना अपनी पढ़ाई को लेकर बेहद गंभीर हैं. पारस और सानिया 12वीं कक्षा में हैं, जबकि संजना 10वीं बोर्ड की परीक्षा दे रही है.
परीक्षा केंद्र तक ले जाने के लिए भाई ने लगाया जुगाड़
दिव्यांग संजना चल-फिर पाने में असमर्थ हैं. परीक्षा केंद्र चमोली गांव से 14 किलोमीटर दूर GIC शैलकुमारी में बनाया गया है. परीक्षा देने के लिए तीनों भाई-बहन ने लोधियागैर में कमरा लिया है. संजना को यहां से परीक्षा केंद्र तक ले जाने के लिए आधा किलोमीटर दूर तक का रास्ता तय करना पड़ता है. संजना को ले जाने के लिए पारस, सानिया और उनके रिश्तेदार आकाश डोली की मदद लेते हैं. इस मामले में जब परीक्षा केंद्र GIC शैलकुमारी के प्रिंसिपल भुवन प्रकाश उप्रेती को पता चला तो उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र पर उन्हें कोई परेशानी न हो, इसका ख्याल रखा जा रहा है.
बहन ने बताया कि क्या है उसका सपना
संजना ने बताया कि उनके पिता का 6 साल पहले निधन हो गया था. पिता के निधन के बाद से परिवार का बोझ उनकी मां पर आ गया. परिवार चलाना आसान नहीं था, फिर भी जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है. संजना आगे चलकर एक टीचर बनना चाहती है.