नेपाल की राजधानी काठमांडू में सोमवार को युवाओं ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध हटाए और देश में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करे। हिंसक हुए विरोध प्रदर्शन में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और 250 घायल हो गए। इस बीच सरकार के प्रवक्ता पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने कहा है कि सोशल मीडिया पर बैन लगाने के फैसले को वापस लेने पर चर्चा चल रही है।
BBC News Nepali के मुताबिक, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई है। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री गुरुंग ने बताया कि बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होगी।
उन्होंने कहा, “सरकार के फैसले लोगों की जान से ज्यादा कीमती नहीं हैं।” उन्होंने कहा, “हमारे लोगों की जान सबसे महत्वपूर्ण है। अगर सरकार के फैसलों पर नीतिगत दृष्टि से पुनर्विचार करने की जरूरत है, तो फिर से अड़े रहने का कोई मतलब नहीं है।”
दिया। यह बल प्रदर्शन जैसा लगता है, क्योंकि वह हिंसक थे। यह एक त्रासदी है कि लोग मारे गए, काश ऐसा न होता।”
उन्होंने कहा कि हालात ऐसे बन गए हैं कि सरकार को अब बल प्रयोग करना पड़ सकता है, क्योंकि सोमवार के प्रदर्शन के आयोजक पहले से तय जगह पर प्रदर्शन करने के बजाय संसद भवन और सिंह दरबार की ओर बढ़ गए।
उन्होंने कहा, “मैं ‘Gen G’ ग्रुप से यह कहना चाहता हूं कि आपको शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का अधिकार है और सरकार इसमें कोई भेदभाव नहीं करती। लेकिन अगर आंदोलन में घुसपैठ के कारण हालात बिगड़ते हैं, तो हम उससे निपटेंगे। चाहे कितनी भी बहस हो, लोगों की मौत होना किसी के लिए अच्छा नहीं है।”
