बिहार विधानसभा चुनाव के चुनावी समर में शुक्रवार को बीजेपी के सबसे बड़े दो स्टार प्रचारकों ने मोर्चा थामा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्तीपुर और बेगूसराय में एनडीए का माहौल बना दिया तो गृह मंत्री अमित शाह ने मोहम्मद शहाबुद्दीन के गढ़ सीवान में रैलियां करके एनडीए का एजेंडा सेट कर दिया. पीएम मोदी ने समस्तीपुर और बेगूसराय से ‘जंगलराज’ की याद दिलाई, तो वहीं अमित शाह ने लालू-राबड़ी राज में बाहुबली शहाबुद्दीन की अपराधों की भयानक और खौफनाक कहानी सुनाई. शाह ने सीवान से सीधा संकेत देते हुए कहा कि मोदी और नीतीश राज में ‘100 शहाबुद्दीन भी आ जाएं, तो बाल भी बांका नहीं कर सकते’. बीजेपी के इन दोनों सुपरस्टार प्रचारकों के बयानों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी इस चुनाव में विकास के साथ-साथ कानून व्यवस्था और सुरक्षा के मुद्दे को ही सबसे प्रमुख हथियार बनाकर महागठबंधन पर प्रहार करेगी. यही कारण है कि यह दिन बीजेपी के लिए ‘सुपर फ्राइडे’ साबित हुआ.
बीजेपी का एजेंडा क्लियर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्तीपुर और बेगूसराय में अपने भाषणों से दोहरे रणनीतिक उद्देश्य साधे. पहला, उन्होंने महिलाओं और युवाओं को परंपरागत जातिगत राजनीति से बाहर निकलकर ‘परंपरा पॉलिटिक्स’ को तोड़ने की अपील की. दूसरा, उन्होंने आरजेडी और कांग्रेस के पिछले शासन काल को जंगलराज और परिवारवाद की राजनीति बताकर पुराने दिनों की याद दिलाई. पीएम ने कहा कि विपक्षी दल बिहार को फिर से जंगलराज के अंधेरे में धकेलने का मौका ढूंढ रहे हैं. उन्होंने बिहार में एनडीए के शासन में सुधरे कानून व्यवस्था और विकास परियोजनाओं का जिक्र करके ‘डबल इंजन की सरकार’ के लिए वोट मांगा.
अमित शाह का सीधा हमला
पीएम मोदी जहां राष्ट्रीय स्तर पर माहौल तैयार कर रहे थे, वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने सीवान में बाहुबली शहाबुद्दीन के घर और प्रभाव क्षेत्र रघुनाथपुर में रैली करके बीजेपी का एजेंडा बिल्कुल क्लियर कर दिया. आरजेडी द्वारा शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को रघुनाथपुर से टिकट देने के फैसले पर प्रहार करते हुए शाह ने सीधा सुरक्षा का मुद्दा उठाया. शाह ने मोहम्मद शहाबुद्दीन के अपराध की पूरी लिस्ट गिनाई, जिसमें किस-किस को किस तरह मारा उसका जिक्र था. अमित शाह ने कहा कि लालू-राबड़ी के जंगलराज के दौर को बिहार की जनता ने देखा है, जहां शहाबुद्दीन का खौफ था. लेकिन अब मोदी और नीतीश के राज में ‘100 शहाबुद्दीन भी आ जाएं तो किसी का बाल भी बांका नहीं हो सकेगा’. यह बयान सीधे तौर पर ग्रामीण मतदाताओं को सुरक्षा की गारंटी देता है और आरजेडी के एम-वाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण में दरार डालने की रणनीति का हिस्सा है.
शाह ने ओसामा शहाब को हराने की अपील करके बीजेपी का एजेंडा क्लियर कर दिया कि यह चुनाव केवल विकास पर नहीं, बल्कि ‘गुंडाराज और भ्रष्टाचार’ की वापसी को रोकने के मुद्दे पर भी लड़ा जाएगा. इससे पार्टी को पिछली जाति और उच्च जाति के मतदाताओं को एकजुट करने में मदद मिलेगी. पीएम मोदी ने और अमित शाह ने एक ही दिन बिहार के तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों से विकास और सुरक्षा के मुद्दों को मुख्य धार में लाकर चुनावी प्रचार को एक नई दिशा दे दी है. यह एनडीए की तरफ से महागठबंधन के जातिगत और स्थानीय समीकरणों को भेदने का एक मास्टरस्ट्रोक है.

